नयी दिल्ली – उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के और तीव्र होने की आशंका है और यह रविवार की आधी रात तक 110-120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बंगलादेश और पश्चिम बंगाल के तटों को पार कर जाएगा।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने आज उक्त अनुमान जाहिर किया। विभाग ने कहा,“गंभीर चक्रवाती तूफान रेमल पिछले छह घंटों के दौरान 13 किमी प्रति घंटे की गति से लगभग उत्तर की ओर बढ़ गया है और आज उसी क्षेत्र पर केंद्रित है। वर्तमान में चक्रवात केंद्र के आसपास 95-105 किमी प्रति घंटे से लेकर 115 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर हवा की गति बनी हुई है।”
विभाग ने कहा,“इसके उत्तर की ओर बढ़ने और तेज होने तथा अधिकतम निरंतर हवा की गति के साथ एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में आज आधी रात तक मोंगला (बंगलादेश) के दक्षिण-पश्चिम के करीब सागर द्वीप और खेपूपारा के बीच तथा आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने की बहुत संभावना है। उस समय रेमल की गति 110-120 किमी प्रति घंटे से लेकर 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक होगी।”
विभाग के अनुसार चक्रवात के आज रात पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बंगलादेश के खेपूपारा के बीच टकराने के दौरान भारी बारिश होने के भी आसार हैं।
इसके प्रभाव से 28 मई तक पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
विभाग ने कहा कि मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे आज तक मध्य बंगाल की खाड़ी और कल तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में न जाएं। साथ ही समुद्र से बाहर मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी जाती है।
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने आवास पर एक बैठक में उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात “रेमल” के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार चक्रवाती तूफान के रविवार आधी रात तक मोंगला (बंगलादेश) के दक्षिण पश्चिम के करीब सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच बंगलादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों को पार करने की संभावना है और इससे पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश होने की संभावना है।
प्रधानमंत्री को बताया गया कि राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति पश्चिम बंगाल सरकार के साथ नियमित संपर्क में है। सभी मछुआरों को दक्षिण बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में न जाने की सलाह दी गई है। करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। मौसम विभाग नियमित अपडेट के साथ बंगलादेश को सूचना सहायता भी प्रदान कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य सरकार को पूरा समर्थन दिया है और यह आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करनी चाहिए और सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चक्रवात के पहुंचने के बाद समीक्षा करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया है कि पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैनात की गई 12 एनडीआरएफ टीमों और ओडिशा में एक टीम के अलावा, अधिक टीमों को तैयार रखा जाए जो एक घंटे के भीतर आगे बढ़ सकें। भारतीय तटरक्षक किसी भी आपात स्थिति के लिए अपने पोत तैनात करेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बंदरगाहों, रेलवे और राजमार्गों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीआरएफ के महानिदेशक, मौसम विभाग के महानिदेशक और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य सचिव भी उपस्थित थे।