प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ मेले में हुए सिलेंडर ब्लास्ट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने ली है। संगठन ने ईमेल भेजकर दावा किया कि यह घटना पीलीभीत फर्जी एनकाउंटर का बदला लेने के लिए की गई है। ईमेल में यह भी कहा गया कि यह घटना उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए चेतावनी है और यह शुरुआत भर है।
क्या है पूरा मामला?
रविवार शाम करीब चार बजे महाकुंभ के सेक्टर-19 में स्थित गीता प्रेस के कैंप में एक सिलेंडर ब्लास्ट हुआ। इस घटना में 200 कॉटेज जलकर खाक हो गए। प्रशासन का कहना है कि चाय बनाने के दौरान सिलेंडर लीक होने से आग लगी। हालांकि, अब खालिस्तानी संगठन ने इसे अपनी साजिश बताते हुए जिम्मेदारी ली है।
मुजफ्फरनगर में खाद्य सुरक्षा टीम ने मांस, डेयरी व मिठाई की दुकानों पर की छापेमारी
ईमेल में लिखा गया कि यह विस्फोट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेतावनी देने के लिए किया गया था। इसमें कहा गया, “यह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स की तरफ से किया गया। हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे, लेकिन यह घटना मुख्यमंत्री योगी और उनके प्रशासन को सचेत करने के लिए थी।” ईमेल में दावा किया गया कि यह घटना पीलीभीत फर्जी एनकाउंटर में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं की हत्या का बदला है।
ईमेल खालिस्तानी संगठन के हैंडलर फतेह सिंह बागी के नाम से भेजा गया है, जो तरनतारन, पंजाब का रहने वाला बताया जा रहा है। खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चीफ रणजीत नीटा इस संगठन का संचालन कर रहे हैं। यह संगठन पहले भी भारत में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।
प्रयागराज पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम को भेजा गया है और सिलेंडर ब्लास्ट के कारणों की पुष्टि की जा रही है। साइबर क्राइम टीम ईमेल की सत्यता और उसकी लोकेशन का पता लगाने में जुटी है। यूपी पुलिस ने कहा है कि वह इस धमकी को गंभीरता से ले रही है और मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पीलीभीत एनकाउंटर 1991 में हुआ था, जिसमें पुलिस ने 10 सिख युवकों को खालिस्तानी आतंकवादी बताकर मार गिराया था। बाद में जांच में यह मुठभेड़ फर्जी साबित हुई थी, और इसे मानवाधिकार उल्लंघन का मामला माना गया।
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में यह सिलेंडर लीक से हुआ हादसा लग रहा है। हालांकि, खालिस्तानी संगठन द्वारा जिम्मेदारी लेने के बाद मामले की जांच आतंकी एंगल से भी की जा रही है।
यह घटना महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल खड़े करती है। आतंकी संगठनों द्वारा ऐसे आयोजन को निशाना बनाना सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बन सकता है।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले में संदिग्ध फतेह सिंह बागी और अन्य खालिस्तानी नेटवर्क की तलाश में जुट गई हैं। कुंभ मेले में सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।पुलिस ने कहा है कि आतंकी संगठन की साजिश को नाकाम करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।