सहारनपुर। बेहट क्षेत्र के एक प्राइवेट अस्पताल में नर्स का काम सीख रही 25 वर्षीय दलित छात्र सीमा पुत्री मांगेराम की अस्पताल में संदिग्ध हालत में मौत हो जाने के मामले को लेकर आज उसके परिजनों और दलित समाज के लोगोे ने जबरदस्त हंगामा किया और मांग की कि अस्पताल के संचालक दंपति के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सहारनपुर देहात कोतवाली के गांव मुल्लापुर कदीम निवासी मृतका सीमा की बहन शालू ने थानाध्यक्ष बेहट को दी तहरीर में कहा है कि उसकी बहन सीमा गांव ताजपुरा बेहट स्थित डा. जुनैद और उसकी पत्नी जुनैबा के सीफा जच्चा-बच्चा अस्पताल में नर्स काम सीख रही थी। वह 5 जौलाई को सुबह साढे आठ बजे घर से डयूटी पर गई थी और 6 जौलाई की सुबह घर नहीं लौटी। साढे दस बजे अस्पताल से फोन पर सीमा की तबियत बहुत खराब होने और उसे ले जाने की सूचना घर पर आई शालू अपनी मां रानी अस्पताल गई और चिकित्सकों से मिली।
जहां डा. जुनैबा ने उन्हें बताया कि सीमा बेहोश है इसे तुरंत अस्पताल से ले जाओ। चिकित्सकों ने उन्हें अपने क्लिनिक में उसे देखने भी नहीं दिया। सीमा को फोल्डिंग पर बाहर छोड दिया। उसका शरीर नीला और ठंडा पडता देख बहन और मां ने डाक्टरों और स्टाॅफ से बात करनी चाही तो वे वहां से भाग गए। परिजन सीमा को सरकारी अस्पताल की एमरजेंसी में लेकर गए।
जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसकी काफी पहले मौत हो चुकी थी। तहरीर में शालू ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी बहन के साथ अस्पताल में गंभीर अनहोनी हुई है। दुष्कर्म का भी अंदेशा है। तहरीर में अस्पताल के संचालको के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।