मुजफ्फरनगर। डीसीडीएफ मुज़फ्फरनगर व शामली की संचालिका गीता वालिया को मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहकारिता ने निष्कासित कर दिया। उनके भविष्य में निर्वाचन में भाग लेने के लिए पांच वर्ष के लिए वंचित कर दिया गया है। तात्कालिक निर्वाचन अधिकारी व सचिव पर भी आर्थिक दंड लगाए हैं। समिति के अभिलेखों में हेर फेर के लिए रिपोर्ट दर्ज किए जाने के भी आदेश दिए गए हैं।
बुढ़ाना के सचिन जैन पुत्र पवन जैन ने 14 अक्टूबर 2024 को उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग के समक्ष शिकायत की थी। उन्होंने शिकायत में डीसीडीएफ की संचालिका बनने वाली गीता वालिया पर सवाल उठाए थे। जिसमें समिति के अभिलेखों में हेरफेर से कर्ण सिंह के स्थान पर गीता वालिया का नाम अंकित कर दिया गया। इसके बाद गीता वालिया जिला सहकारी विकास संघ के संचालक के पद पर निर्वाचित हो गई।
शिकायत पर जांच के बाद सहकारी समिति के निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त मुकुल सिंघल, निर्वाचन आयुक्त ए के श्रीवास्तव, निर्वाचन आयुक्त राजमणि पांडे ने संयुक्त आदेश जारी किए। जिसमे गीता वालिया को जिला सहकारी विकास संघ की प्रबंध कमेटी के सदस्य पद से अनर्ह घोषित कर दिया गया और उसके भविष्य में निर्वाचन में भाग लेने के लिए पांच वर्ष के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।
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जिला सहकारी विकास संघ मुजफ्फरनगर के तत्कालीन सचिव सुभाष सिंह पर पांच हजार रुपये का अर्थ दंड व तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह पर भी पांच हजार का अर्थ दंड लगाते हुए एक माह के अंदर लेखा शीर्षक में जमा करने के आदेश दिए गए। समिति के अभिलेखों में हेरफेर व कूटकरण के अपराधिकृत के मामले की सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करने के भी वर्तमान सचिव को आदेश दिए गए है।