Friday, April 25, 2025

रामपुर तिराहा कांड: हथियारों की फर्जी बरामदगी के मामले में बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र खारिज

मुजफ्फरनगर। बहुचर्चित रामपुर तिराहा कांड में अदालत ने बचाव पक्ष का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है। रामपुर तिराहा कांड में हथियारों की फर्जी बरामदगी के मामले में बचाव पक्ष की ओर से सीआरपीसी की धारा 468 के अंतर्गत दोषमुक्त करने के प्रार्थना पत्र को अदालत ने खारिज कर दिया है। अपर सिविल जज सीनियर डिविजन देवेंद्र सिंह फौजदार ने सुनवाई की। अगली सुनवाई 23 मई को होगी।

 

उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि सीबीआई बनाम झिंझाना थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर रहे बृजकिशोर बृज किशोर की पत्रावली में बचाव पक्ष की ओर से आरोपी बृज किशोर, उमेश कुमार और अनिल कुमार ने प्रार्थना पत्र दिया था कि सीबीआई ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की। बयान भी नहीं लिए। सीबीआई ने अभियुक्तों को गिरफ्तार भी नहीं किया। पत्रावली पर कोई प्रमाण नहीं है। प्रकरण के 13 साल बाद 24 मई 2007 को उन्हें आरोपी बनाया गया है। जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें अधिक से अधिक तीन साल की सजा का प्रावधान है। आरोप तीन साल के अंदर आरोपित किए जाने चाहिए थे, लेकिन यह 13 साल बाद आरोपित किए गए हैं। यह गैरकानूनी है। इसी वजह से उन्हें दोषमुक्त किया जाना चाहिए। अदालत ने बचाव पक्ष की ओर से दिए गए इस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। अगली सुनवाई 23 मई को होगी।

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रामपुर तिराहा कांड की सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी की पत्रावली में अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने सुनवाई की। चश्मदीद महिला ने अपना बयान दर्ज कराया। उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और बचाव पक्ष के श्रवण कुमार एडवोकेट ने बताया कि चश्मदीद की गवाही कराई गई है।

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