Saturday, April 19, 2025

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एलान: आत्मनिर्भर भारत के तहत अब 509 रक्षा उपकरण देश में ही बनेंगे

नई दिल्ली। देश में बनाए गए रक्षा उपकरण करीब 100 देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वदेशी रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए गुरुवार को यह बात कही। राजनाथ सिंह ने बताया कि रक्षा उद्योग के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा पांच सूचियां जारी की गई हैं, जिनमें कुल 509 रक्षा उपकरण, हथियार प्रणाली और रक्षा प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इनका उत्पादन अब देश में ही किया जाएगा।

मुज़फ्फरनगर में क्षतिग्रस्त कर दिए गए सड़क पर लगे सीसीटीवी कैमरे, नगर पंचायत के ईओ ने की कार्रवाई की मांग

 

 

नई दिल्ली में रक्षा तैयारी से जुड़े विषय पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2013-14 में देश का रक्षा निर्यात मात्र 686 करोड़ रुपए का था। वित्त वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 23,622 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। करीब सौ देशों को भारत में बने रक्षा उत्पाद निर्यात किए जा रहे हैं। इस साल रक्षा निर्यात बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपए और साल 2029 तक 50,000 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य है।

 

मुज़फ्फरनगर में गरीब बर्फ वाले ने मांग ली साईड, दबंगो ने ट्रैक्टर से कुचल दिया ठेला, घर में घुसकर मचा दिया तांडव !

 

 

उन्होंने बताया कि डिफेंस पीएसयू ने भी पांच सूचियां जारी की हैं। इनमें कुल 5,012 उत्पाद शामिल हैं। इनका भी उत्पादन अब अनिवार्य रूप से भारत में ही किया जाएगा। हम बेहद मजबूती के साथ, नियोजित तरीके से आत्मनिर्भर और मजबूत डिफेंस सेक्टर बनाने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। ‘मेक इन इंडिया’ की ओर आगे बढ़ते समय घरेलू कंपनियों के हितों का भी ध्यान रखा गया। इसी कारण सरकार ने डिफेंस कैपिटल प्रोक्योरमेंट करने के लिए रक्षा बजट का 75 प्रतिशत, घरेलू कंपनियों से खरीद के लिए आरक्षित किया हुआ है। यह देश की घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने बताया कि इन प्रयासों का ही परिणाम है कि 2014 के आसपास जहां हमारा घरेलू रक्षा उत्पादन लगभग 40,000 करोड़ रुपए था, वहीं आज यह लगभग एक लाख 27 हजार करोड़ रुपए के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर चुका है।

यह भी पढ़ें :  जालौन में इलाज कराने आए बच्चे को सरकारी डॉक्टर ने पिलाई सिगरेट, वीडियो वायरल

 

 

मुज़फ्फरनगर में होंडा शोरुम में चोरी, कर्मचारी गिरफ्तार, चोरी की गई एलईडी बरामद

 

इस साल हमारा लक्ष्य है कि रक्षा उत्पादन 1.60 लाख करोड़ रुपए और 2029 तक तीन लाख करोड़ रुपए को पार कर जाए। राजनाथ सिंह ने कहा कि जब 2014 में एनडीए सत्ता में आया था तो सबसे बड़ी चुनौती रक्षा क्षेत्र को लेकर एक अजीब सोच की थी, जो इस क्षेत्र के बारे में दीर्घावधि योजना और विजन के अभाव से पैदा हुई थी। उस समय फोर्स फॉर द फ्यूचर की बात सोचने का भी साहस लोग नहीं करते थे क्योंकि फोर्स फॉर द प्रेजेंट के लिए भी कोई तैयारी दिखाई नहीं देती थी। उन्होंने बताया कि देश में एक मजबूत रक्षा क्षेत्र तैयार करने के लिए मजबूती से काम नहीं हो रहा था।

 

 

 

 

रक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उस समय की सरकार की बस यही सोच थी कि बहुत होगा तो आयात कर लेंगे। सबसे पहले इस सोच को बदला गया, यह निर्णय लिया गया कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करेगा। देश में एक ऐसा डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स तैयार करेगा। यह कॉम्प्लेक्स केवल भारत की जरूरतों को नहीं, बल्कि दुनिया में रक्षा निर्यात की संभावनाओं को भी मजबूत करेगा।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय