Friday, November 15, 2024

एमसीडी स्कूलों को दिल्ली सरकार ने किए 1700 करोड़ रुपये आवंटित, पहली किस्त में 400 करोड़ जारी

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एमसीडी के स्कूलों के लिए ग्रांट इन ऐड के तहत इस साल 1700 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। इसके तहत पहली तिमाही के लिए गुरुवार को 400 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि एमसीडी स्कूलों में रोज समस्याएं देखने को मिलती है। एमसीडी के शिक्षक धरने पर बैठे हैं। उन्हें तनख्वाह नहीं मिली है। एमसीडी के स्कूलों में सफाई नहीं होती है और बच्चों के बैठने के लिए डेस्क नहीं है। इन सब समस्याओं का जबाव आता था कि एमसीडी के पास पैसे नहीं हैं।

इस समस्या को दूर करते हुए एमसीडी के स्कूलों को 1700 करोड़ का फंड दिया जाएगा। इसकी पहली तिमाही के लिए 400 करोड़ रुपये का फंड जारी किया जा रहा है। इससे एमसीडी स्कूलों के फंड की समस्या दूर हो जाएगी। अब हम एमसीडी के स्कूलों को भी दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह वल्र्ड क्लास बनाएंगे।

मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि पूरी दिल्ली के अंदर एमसीडी के करीब 1500 स्कूल हैं, जिनमें लगभग 9 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों में करीब 19 हजार शिक्षक हैं।जब हमने एमसीडी स्कूलों का दौरा किया तो पाया कि एमसीडी के अधिकतर स्कूल बहुत ही जर्जर स्थिति में हैं, जिनकी मरम्मत की बेहद जरूरत है। एमसीडी के स्कूल बहुत-सी कमियों से जूझ रहे हैं, जैसे स्कूल में सीसीटीवी कैमरों का अभाव है। बच्चों के लिए डेस्क नही हैं। कई स्कूलों में टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है। कहीं पीने का पानी नहीं है तो कहीं क्लासरूम टूटे हुए हैं। साथ ही एमसीडी स्कूलों में मैन पॉवर की भारी कमी है। इसके कारण टीचर के ऊपर ही काम का दबाव आ जाता है। वह बच्चे के बेहतरी के लिए कुछ खास नहीं कर पाते हैं।

दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के बच्चों को अच्छी शिक्षा देना हमारा वादा है, उसे निभाते हुए अब एमसीडी के स्कूलों में पढ़ रहे 9 लाख बच्चों को भी शानदार शिक्षा मिलेगी। जिस तरह से दिल्ली सरकार के स्कूलों में बदलाव आए अब वैसे ही बदलाव एमसीडी के स्कूलों में भी आएंगे।

वहीं मेयर डॉ. शैली ओबरॉय ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने एमसीडी स्कूलों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए जो फंड आवंटित किया है, उससे निगम स्कूलों में सुधार लाने में बड़ी मदद मिलेगी।

दिल्ली की शिक्षा मंत्री और मेयर ने दिल्ली सचिवालय में कहा कि आम आदमी पार्टी ने सरकार में आने के बाद से ही बजट का सबसे बड़ा हिस्सा शिक्षा को ही दिया गया है। दिल्ली में ज्यादातर प्राथमिक स्कूल (पांचवीं तक के) एमसीडी के अंतर्गत आते हैं। पिछली सरकारों में एमसीडी स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया गया। इसका नतीजा रहा कि एमसीडी के स्कूलों से जो बच्चे दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षा 6 में आते हैं, उनमें से बहुत से बच्चों को पढ़ना-लिखना भी नहीं आता है।

उन्होंने कहा कि एमसीडी स्कूलों का काम पहली से पांचवीं तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूत करना है। इस ओर काम करते हुए हम अब एमसीडी के स्कूलों में पढ़ने वाले दिल्ली के 9 लाख बच्चों को शानदार शिक्षा देंगे।

मेयर ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि दिल्ली सरकार ने एमसीडी स्कूलों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए फंड आवंटित किया है, उससे निगम के स्कूलों में सुधार लाने में बहुत मदद मिलेगी। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के तर्ज पर ही एमसीडी के स्कूलों को भी विश्वस्तरीय शिक्षा बनाया जाएगा।

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