नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को उन सभी कैदियों के लिए ई-मुलाकात सुविधा के संभावित विस्तार के मामले एक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिनके रिश्तेदार राष्ट्रीय राजधानी से बाहर रहते हैं।
अदालत एक याचिकाकर्ता के आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जो अपनी बीमार मां की देखभाल करने और सामाजिक संबंध बनाए रखने के लिए अपने परिवार के साथ प्रति सप्ताह दो ई-मुलाकात सत्र की अनुमति मांग रहा है।
याचिकाकर्ता ने शुरू में मई 2023 में ई-मुलाकात लाभ के लिए अभ्यावेदन दिया था, इसमें कहा गया था कि उसके एकमात्र रिश्तेदार, उसकी पत्नी व मां अस्वस्थ हैं और दिल्ली से बाहर रहते हैं।
ई-मुलाकात सुविधा शुरू में दिल्ली की जेलों में कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई थी, जब शारीरिक मुलाकातें रोक दी गई थीं।
विशेष रूप से, आतंकवादी गतिविधियों या राज्य के खिलाफ अपराधों में शामिल विदेशी कैदियों के लिए एक अपवाद बनाया गया था।
नताशा नरवाल बनाम एनसीटी दिल्ली राज्य मामले में स्थापित मिसाल का हवाला देते हुए, याचिकाकर्ता ने दैनिक 5 मिनट के टेली-कॉलिंग भत्ते का भी अनुरोध किया।
राज्य के वकील ने याचिकाकर्ता के प्रतिनिधित्व पर तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आश्वासन दिया, न्यायमूर्ति प्रसाद ने एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया, इसमें बताया गया कि ई-मुलाकात सुविधा को समान स्थिति वाले कैदियों तक क्यों नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होनी है।