नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चुनाव आयोग से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को जारी नोटिस पर जल्द, बेहतर होगा कि आठ सप्ताह के भीतर फैसला लेने को कहा, यह देखते हुए कि कथित बयान ‘अच्छे नहीं हैं।’
यह नोटिस पिछले महीने एक भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारेे में राहुल गांधी की कथित “जेबकतरे” टिप्पणी के संबंध में है।
अदालत एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई करने और राजनीतिक नेताओं द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता, भरत नागर ने कहा कि 22 नवंबर को राहुल के भाषण में प्रधानमंत्री सहित सर्वोच्च सरकारी पदों पर बैठे व्यक्तियों के खिलाफ “जघन्य आरोप” थे, जिसमें उन्हें “जेबकतरे” के रूप में संदर्भित किया गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की खंडपीठ ने चुनाव आयोग द्वारा मामले की जांच और राहुल को जारी नोटिस पर गौर किया। इसने शीघ्र समाधान की जरूरत पर बल दिया।
पीठ ने 23 नवंबर को भेजे गए नोटिस का हवाला देते हुए चुनाव आयोग को आठ सप्ताह के भीतर मामले को समाप्त करने का निर्देश दिया, जिसमें चुनाव आयोग ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था।