नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने अडानी और एस्सार समूह समेत दूसरी कंपनियों की ओर से कोयला आयात में ज्यादा कीमतें वसूलने के आरोपों की सीबीआई और डीआरआई जांच के अपने आदेश को वापस ले लिया है। जस्टिस सुरेश कैत ने कहा कि इस मामले में याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए इस मामले के सीबीआई और डीआरआई जांच के आदेश को निलंबित किया जाता है।
दरअसल, सीबीआई और डीआरआई के जांच के आदेश के बाद अडानी पावर लिमिटेड ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि इस संबंध में कमिश्नर ऑफ कस्टम्स (आयात) की ओर से अडानी पावर महाराष्ट्र पावर लिमिटेड के खिलाफ दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट की ओर से याचिका खारिज करने के बाद कमिश्नर ऑफ कस्टम्स (आयात) ने पुनर्विचार याचिका दायर की है, जो अभी लंबित है। उसके बाद हाई कोर्ट ने सीबीआई और डीआरआई जांच के अपने आदेश को निलंबित करने का आदेश दिया।
हाई कोर्ट ने 19 दिसंबर, 2023 को अडानी की ओर से कोयले के आयात में ज्यादा कीमतें वसूलने के आरोपों की जांच का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में वास्तविक स्थिति की जांच हो और नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हो। इस मामले में हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थीं। पहली याचिका सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने दायर की थी। दूसरी याचिका कॉमन कॉज की ओर से हर्ष मांदर ने दायर की थी। याचिका में डीआरआई की उस रिपोर्ट की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने की मांग की गई थी, जिसमें विद्युत उत्पादक कंपनियों के खिलाफ ज्यादा कीमतें वसूलने की बात कही गई है।