Sunday, December 22, 2024

अनमोल वचन

जीवन चलने का नाम अर्थात जीवन गति का नाम है। रूके रहने, थम जाने में निष्क्रिय बने रहने में जड़ता परिलक्षित होती है। जड़ता अर्थात मृत्यु। जो जड़ हो गया, रूक गया, जीवन की गाड़ी उससे बहुत दूर निकल जाती है। वह पीछे मुड़कर देखता है तो हाथ मलता ही रह जाता है, चलने का गतिशील बने रहने का यह अर्थ बिल्कुल नहीं कि हम विध्वंसात्मक कार्यों में अपनी ऊर्जा को नष्ट करें, जिससे अपना भी अहित हो उन्नति के बजाय अवनति के गर्त में गिर जायेंगे जब तक जीवन है तब तक जीवन में मिले समय के मूल्य को पहचानो। रचनात्मक और उन्नतोमुख कार्य करते हुए प्रगति के सोपान पर चढ़ते जाओ। जो सत्य को नहीं पहचानता वह पिछड़ जाता है। समाज उसे कूड़ा समझकर कूड़ेदान में फेंक देता है। पृथ्वी तथा अन्य ग्रह जड़ होते हुए भी क्रियाशील है। पृथ्वी को देखो कितनी तेज गति से सूर्य के चक्कर लगा रही है। ब्रह्मांड के हर कण में स्पन्दन है, गति है। तुम तो चेतन जीव हो, जीवन के अर्थ को समझो। क्रियाशीलता का अर्थ जीवन है और रूक जाने का, स्थायित्व का अर्थ मृत्यु है। जीवन का वरण करो मृत्यु का नहीं।

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