नई दिल्ली। दिल्ली सरकार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और आयुष चिकित्सा (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) को प्राथमिकता देने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली को आयुष चिकित्सा के क्षेत्र में एक मॉडल स्टेट के रूप में विकसित किया जाए, जिससे प्रत्येक नागरिक को पारंपरिक, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुगमता से उपलब्ध हो सकें। इस दिशा में स्वास्थ्य मंत्री डॉ पंकज कुमार सिंह ने मंगलवार को डायरेक्टरेट ऑफ आयुष और आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी संस्थानों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और आयुष सेक्टर को लेकर अपना विजन साझा किया। उन्होंने कहा, “दिल्ली को आयुष चिकित्सा का मॉडल स्टेट बनाया जाएगा, जहां लोगों को संपूर्ण इलाज और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का असरदार समाधान मिलेगा एवं आज के दौर में तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं के समाधान में आयुष चिकित्सा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
“दिल्ली सरकार जल्द ही नेशनल आयुष मिशन को लागू करने जा रही है, जिससे आयुष चिकित्सा को नई मजबूती मिलेगी और इसकी सेवाएं ज़्यादा लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंचेंगी। इस पहल के तहत पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य व्यवस्था से जोड़ा जाएगा और रोगों की रोकथाम पर आधारित इलाज को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “तनाव और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार एक इंटीग्रेटेड स्ट्रेस मैनेजमेंट प्रोग्राम शुरू करने जा रही है, जिसमें योग, यूनानी और होम्योपैथी का समन्वय होगा। यह प्रोग्राम लोगों को तनाव, डिप्रेशन और लाइफस्टाइल डिसऑर्डर से निपटने के असरदार समाधान देगा और उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से संतुलित, स्वस्थ और बेहतर जीवन जीने की शक्ति देगा।” दिल्ली सरकार सभी नागरिकों तक आयुष चिकित्सा की सुविधाएं पहुंचाने के लिए एक आधुनिक आयुष वेलनेस सेंटर स्थापित करने जा रही है। यहां आयुष आधारित इलाज, रोगों की रोकथाम और वेलनेस सेवाएं एक ही जगह पर उपलब्ध होंगी। पंकज कुमार सिंह ने कहा, “इस वेलनेस सेंटर का उद्देश्य है कि पारंपरिक चिकित्सा आम लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा बने, ताकि हर नागरिक इसका लाभ उठा सके और स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जी सके।”