सहारनपुर। देवबंद के विश्व प्रसिद्ध दारुल उलूम पर बहिसती जेवर पुस्तक के हवाले से दिल्ली की संस्था मानुषी सदन द्वारा जो आरोप लगाया गया है उनका देवबंद के उलेमा ने करारा जवाब दिया है।
देवबंद के उलेमा का कहना है कि पहले इस संस्था को दारुल उलूम में पढ़ाई जाने वाली शिक्षा के बारे में जानकारी करनी चाहिए उसके बाद इस तरह का आरोप लगाना चाहिए मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि किताब बहिसती जेवर का हवाला दिया गया है वह ना तो दारुल उलूम में पढ़ाई जाती है और ना ही दारूल उलूम ने उसका प्रकाशन किया है ।