लखनऊ। यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में हैं। लगातार शिकायतों के चलते उन्हें कड़े कदम उठाए हैं। सहारनपुर के बेहट में रिश्वत लेने के एक प्रकरण में उन्होंने उक्त चिकित्सा अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, मऊ व औरैया में भी दोषी विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। उपमुख्यमंत्री ने सभी सीएमओ को निर्देशित किया है कि कार्य में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि बेहट (सहारनपुर) के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा रिश्वत लिए जाने के प्रकरण संज्ञान में आया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से उक्त चिकित्साधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट भी तलब की गई है। वहीं, मऊ के सदर अस्पताल में एक चिकित्सक द्वारा पत्रकार पर हेलमेट फेंकने के मामले को भी बेहद गंभीरता से लेते हुए उक्त प्रकरण की जांच के लिए सीएमओ को निर्देशित किया गया है। निर्देश हैं कि एक कमेटी का गठन कर प्रकरण की गंभीरता से जांच कराई जाए और दोषी चिकित्सक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
औरैया के बिधूना में भी एक वार्ड ब्वॉय द्वारा रिश्वत लेने का मामला प्रकाश में आया है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए सीएमओ औरैया को निर्देशित किया गया है कि प्रकरण की जांच कराई जाए। दो फरवरी तक जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। डिप्टी सीएम का कहना है कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं है।
जनवरी में डिप्टी सीएम की ओर से कई विभागीय कार्रवाई की गई हैं। इनमें बांदा के जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का मामला भी शामिल था। इस प्रकरण में शासन स्तर से कार्रवाई की जा रही है। सहारनपुर के नागल में मरीजों को एक्सपायरी डेट की दवाओं के प्रकरण को भी गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। एक अन्य प्रकरण के तहत जिला अस्पताल (फतेहपुर) में अव्यवस्थाओं के चलते नवजात की मृत्यु के मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस माह कई अन्य मामलों में भी डिप्टी सीएम की ओर से कार्रवाई की गई हैं। उनका कहना है कि मामले की शिकायत मिलने पर तत्काल ही जांच कराई जाती है और जांच के उपरांत कार्रवाई की जाती है।