शामली। जिले के मंडावर गांव में तेंदुए के हमले में 6 साल की बच्ची की मौत के बाद डीएफओ ने जनपद में अलर्ट जारी किया गया। लोगों से खेतों और जंगली क्षेत्रों में जाने पर सावधानी बरतने की अपील की जा रही है, वहीं वन विभाग की कई टीमों को तेंदुए की लोकेशन ट्रैस कर उसे यथाशीघ्र पकड़ने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। डीएफओ ने जंगली जानवर के हमले से होने वाली मौत पर पांच लाख रूपए का मुआवजे को लेकर डीएम से विचार विमर्श किया है, जिसे पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पुष्टि के बाद पीड़ित पक्ष को प्रदान किया जाएगा।
दरअसल, रविवार की रात करीब आठ बजे शामली जिले के कैराना क्षेत्र में कथित तौर पर तेंदुआ 6 साल की बच्ची अंशा पुत्री फारूख को उठाकर ले गया था, जिसकी मौत हो गई थी। बच्ची मूल रूप से जानसढ़ तहसील के गांव तिसंग की रहने वाली है, जो मंडावर गांव में अपने नाना लियाकत के घर पर आई हुई थी। ग्रामीणों ने तेंदुए को बच्ची को उठाकर ले जाने का दावा किया था। बताया गया था कि ग्रामीणों द्वारा पीछा करने पर तेंदुआ बच्ची को छोड़कर जंगलों में चला गया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया था। ग्रामीण तेंदुए के हमले से बच्ची की मौत का दावा कर रहे हैं, वहीं वन विभाग के अधिकारी नियमानुसार मौत के कारणों की पुष्टि के लिए पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जंगली जानवर के हमले से मौत की पुष्टि होने पर पीडित पक्ष को मुआवजा राशि भी मिलेगी, जिसके संबंध में डीएफओ ने डीएम शामली रविंद्र सिंह से भी विचार विमर्श किया है।
जारी किया गया अलर्ट
डीएफओ शामली ने बताया कि जनपद में तेंदुए के हमले से मौत की यह पहली घटना बताई जा रही है, हालांकि नियमानुसार बच्ची की मौत के कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सही तौर पर की जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि ऐतिहात के तौर पर जनपद में अलर्ट जारी किया गया है और ग्रामीणों से खेतों और जंगली क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतने की अपील भी की गई है। इसके साथ ही तेंदुआ नजर आने पर फौरन वन विभाग को भी सूचित करने की अपील लगातार की जा रही है।
परिजनों से मिले अधिकारी
डीएफओ शामली जगदेव सिंह ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा हमलावर जानवर के रूप में तेंदुआ देखने का दावा किया गया है। उन्होंने बताया कि बच्ची के परिजनों से मिलकर वार्ता की गई है और पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। डीएफओ ने बताया कि जंगली जानवर के हमले से मौत के बाद पांच लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है, जिसमें चार लाख का मुआवजा जिला प्रशासन द्वारा पुष्टि के फौरन बाद दिया जाता है, जबकि एक लाख का मुआवजा बाद में सरकार द्वारा मिलता है। उन्होंने बताया कि मुआवजा प्रक्रिया के संबंध में डीएम शामली से वार्ता की गई है और टीमों को लगाकर तेंदुए की तलाश और उसे पकड़ने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।