नोएडा। अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के बाद प्राधिकरण क्षेत्र के 57 बकाएदार बिल्डरों को 25 प्रतिशत रकम जमा करने और फ्लैटों की रजिस्ट्री के निर्देश दिए गए थे, लेकिन अब तक सिर्फ 15 बिल्डरों ने ही रकम जमा कराई है, जबकि 42 बिल्डरों ने पैसा जमा करने की सहमति दी थी। ऐसे में 1400 रजिस्ट्री में से केवल 325 ही हुई है।
प्राधिकरण के साथ क्रेडाई की बुधवार को हुई बैठक में कुछ बिल्डरों द्वारा 25 प्रतिशत राशि जमा करने की सूचना दी गई। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने राशि जमा करने के लिए 27 बिल्डरों को 12 अप्रैल तक का समय दिया है। ये बिल्डर एक महीने का अतिरिक्त समय मांग रहे हैं। लेकिन प्राधिकरण ने मना कर दिया है।
अमिताभ कांत समिति की सिफारिशें आने के बाद गौतमबुद्ध नगर में 10 हजार से अधिक फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ होता दिखाई दिया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर जल्द से जल्द रजिस्ट्री के मुद्दे को हल करने के निर्देश दिए थे।
समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही ग्रेटर नोएडा के भी 9 बिल्डरों ने लगभग 35 करोड़ रुपए प्राधिकरण के खाते में जमा कर दिए। इससे 10283 फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता साफ होता दिखाई दिया। अमिताभ कांत समिति के प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद शासनादेश की शर्तों का पालन कर सहमति देने के लिए नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी बकायादार बिल्डरों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं।
शासनादेश में मुख्य रूप से एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के काल को कोविड काल मानते हुए जीरो पीरियड का लाभ दिया जाना है।