देहरादून। बिहार के राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने विकास और संस्कृति को देश के लिए मजबूत कड़ी बताया। उन्होंने भारत की समृद्ध बौद्धिक विरासत पर विचार रखा और विनोबा भावे और उपनिषद जैसे प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हुए कहा कि भारत का दार्शनिक प्रवचन विचारों पर केंद्रित है, जो दूध और चीनी के मिश्रण जैसा है।
सांसद प्रो. राकेश सिन्हा देहरादून में आयोजित ‘विरासत’ महोत्सव में मंगलवार को अफ्रीकी-भारतीय संबंध के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों पर चर्चा कर रहे थे। इससे पहले सांसद राकेश सिन्हा, ‘विरासत’ के संरक्षक व ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के अध्यक्ष राजा रणधीर सिंह, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार व फाॅरेस्ट ऑफिसर धनंजय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया।
उन्होंने अपने विचारों से ‘विरासत’ महोत्सव की महफिल में चार-चांद लगाए। प्रो. राकेश सिन्हा ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और बौद्धिक विरासत पर जोर दिया। उन्होंने युवा पीढ़ी से आधुनिकता को अपनाते हुए पारंपरिक मूल्यों से जुड़ने का आह्वान किया। उनके संदेश का केंद्र भारतीय सभ्यता का विकास और संस्कृति व प्रौद्योगिकी के बीच की बातचीत थी।