मेरठ। हस्तिनापुर में जोड़ मेले में दूसरे राज्यों से श्रद्धालुगण पहुंच रहे हैं। जोड़ मेले में निशान साहिब की रस्म अदा की गई है। साहिब मेरे साहिब कौन जाने गुन तेरे मेरे साहिब शब्द से महान गुरमत समागम का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। गांव किशनपुर में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुनानक देव थल्ली साहिब में 77वें सालाना जोड़ मेले में दूसरे दिन कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने पहुंच कर गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेकर धर्म लाभ अर्जित किया। दूसरे दिन निशान साहिब की रस्म अदा की गई। श्रद्धालुओं ने रैन सवाई संकीर्तन में भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया।
गुरुद्वारा साहिब श्रीगुरु नानक देव थल्ली साहिब के प्रांगण में सजाए गए दीवान हाल साहिब में अखंड पाठ साहिब जारी रहा। दीवान हाल साहिब में ग्रंथी सरबजीत सिंह ने विधि विधान पूर्वक निशान साहिब की रस्म अदा कराई। किशनपुर गांव में सतनाम वाहे गुरु, वाहे गुरु जी दा खालसा वाहे गुरु जी फतेह से संपूर्ण वातावरण गुंजायमान हो गया। अखंड पाठ साहिब कर रहे रागी जत्थों ने संगत को निहाल किया।
कीर्तन दरबार में रागी जत्थे व कथा वाचकों ने कीर्तन कर संगत को भक्तिमय कर दिया। मेला संयोजक दर्शन सिंह चाकर ने कहा कि देश की आजादी और धर्म की रक्षा के लिए सिखों की बहादुरी व बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। श्री गुरु नानक देव ने अहिंसा, प्रेम मैत्री सद्भावना का संदेश पूरी दुनिया में फैलाया। उन्होंने गुरु साहिब के बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। शनिवार को निकाले गए नगर कीर्तन के साथ किशनपुर में स्थित गुरुद्वारा साहिब में तीन दिवसीय जोड़ में लिखा आयोजन शुरू हो गया था जो भारी सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच चल रहा है। मेले में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।