नई दिल्ली। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने शनिवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2023-24: जीएसटी चोरी के रुझान जारी किए। रिपोर्ट में चोरी के पैटर्न का व्यापक विश्लेषण किया गया है। इसके साथ ही जीएसटी चोरी और रणनीतिक प्रवर्तन के महत्वपूर्ण मामलों पर प्रकाश डाला गया है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की तरफ से शनिवार को ‘एक्स’ पोस्ट में बताया गया है कि जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट 2023-24: जीएसटी चोरी के रुझान जारी किए हैं। इस रिपोर्ट को सीबीआईसी के अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने डीजीजीआई सदस्य अनुपालन प्रबंधन राजीव तलवार एवं अन्य की उपस्थिति में जारी किया।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन आज सिलीगुड़ी में शुरू हुआ। इसका उद्घाटन अध्यक्ष संजय कुमार अग्रवाल ने किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में कर प्रवर्तन, उभरते कर चोरी क्षेत्रों की पहचान और वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर चर्चा की जाएगी। सम्मेलन में सीईएसटीएटी, डीजीएआरएम, प्रवर्तन निदेशालय, एनएफएसयू, आई4सी, डीओटी और जीएसटीएन के प्रतिष्ठित आमंत्रितों के सत्र होंगे, जिनमें उन्नत डिजिटल फोरेंसिक, एनसीआरपी, बीआईएफए और सफल जांच जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) वित्त मंत्रालय के अधीन एक कानून प्रवर्तन एजेंसी है। यह एजेंसी भारत में कर चोरी से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। इसकी स्थापना 1979 में कर चोरी विरोधी महानिदेशालय के रूप में की गई थी, जिसे बाद में नाम बदल कर केंद्रीय उत्पाद शुल्क खुफिया महानिदेशालय कर दिया गया है।