Saturday, March 29, 2025

आयात के अनिवार्यता की स्थिति में हो: धनखड़

नयी दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आर्थिक राष्ट्रवाद पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि आयात केवल अनिवार्यता स्थिति में ही होना चाहिए।

धनखड ने आज यहां “भारत स्टार्टअप और एमएसएमई शिखर सम्मेलन” को संबोधित करते हुए कहा कि व्यापार और उद्योगों को आर्थिक राष्ट्रवाद की उपयोगिता समझनी चाहिए। स्वदेशी पर जोर नहीं देने के कारण गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं।

आर्थिक राष्ट्रवाद को आर्थिक विकास का मूल करार हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल उन्हीं वस्तुओं का आयात करना चाहिए जो अपरिहार्य रूप से आवश्यक है। इससे देश की विदेशी मुद्रा की निकासी, नागरिकों के लिए रोजगार के अवसरों की हानि और उद्यमिता के विकास में बाधाओं को रोका जा सके। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के प्रयाेग पर जोर दिया और कहा कि यह भावना “आत्मनिर्भर भारत” का एक पहलू है और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वदेशी आंदोलन का प्रतिबिंब है। छोटे उद्योग द्वितीय और तृतीय शहरों और गांवों में बदलाव ला रहे हैं।

धनखड़ ने कहा कि देश के भीतर रोजगार सृजन और उद्यमिता के दोहरे फायदे हैं। दुनिया भर में, अनुसंधान और विकास उद्योग को बढ़ावा देते हैं और सहयोग करते हैं।

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