संभल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में 46 साल बाद खोले गए शिव मंदिर के संबंध में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने प्राचीन मंदिर और उसमें रखी बजरंगबली की मूर्ति रातों-रात प्रशासन ने कैसे बना दी? उन्होंने यह भी पूछा कि 46 साल पहले संभल में हुए नरसंहार के दोषियों को आज तक सजा क्यों नहीं मिली? सीएम योगी ने इस मुद्दे पर चर्चा की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि यह सवाल जनता से पूछा जाना चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में कहा कि 46 साल से बंद पड़े शिव मंदिर को फिर से खोला गया है, लेकिन इस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन दरिंदों ने 46 साल पहले संभल में नरसंहार किया, उन्हें अब तक सजा क्यों नहीं मिली? उनका यह बयान प्रशासन की तरफ से संभल के मंदिर के कपाट खोलने के बाद आया, जो 1978 में विवाद के कारण बंद कर दिए गए थे।
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सीएम ने आगे कहा, “संभल में इतना प्राचीन मंदिर क्या रातों-रात प्रशासन ने बना दिया? क्या वहां बजरंगबली की इतनी प्राचीन मूर्ति रातों-रात आ गई?” उन्होंने इस संदर्भ में यह भी पूछा कि इस पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है और किसे इसके बारे में बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है।
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सीएम योगी ने अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि अगर अयोध्या में राम मंदिर पर फैसला नहीं आता, तो क्या अयोध्या का इतना विकास हो पाता? क्या वहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन पाता? उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग अयोध्या के विकास को देखकर परेशान हैं, क्योंकि दशकों तक वे शासन करते हुए कुछ नहीं कर पाए।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश के संविधान में ‘सेक्यूलर’ शब्द को चोरी से डाला गया और इस पर वे लोग परेशान हैं, जिन्हें अयोध्या का विकास और राम मंदिर निर्माण पसन्द नहीं आया।
संभल में 46 साल बाद शिव और हनुमान मंदिर के कपाट शनिवार को खोले गए। यह मंदिर 1978 में हुए विवाद के बाद से बंद था। मंदिर के कपाट खोलने के बाद ओम नम: शिवाय और जय श्रीराम के नारे गूंजने लगे। प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में मंदिर के कपाट खोले गए और रविवार को मंदिर में पूजा और रुद्राभिषेक भी किया गया।
मुख्यमंत्री योगी ने इस घटनाक्रम को एक बड़ा धार्मिक और सामाजिक मुद्दा बताया, जिसके माध्यम से वे देश और समाज की असली स्थिति पर सवाल उठा रहे थे।