Friday, November 22, 2024

संसदीय यात्रा के 75 साल पर संसद में चर्चा: सरकार ने कहा, देश में नया विश्वास,विपक्ष ने गिनायीं कमियां

नयी दिल्ली- भारत की संसदीय यात्रा के उतार-चढ़ाव पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में सोमवार को जीवंत चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता पक्ष ने कहा कि देश में संसदीय लोकतंत्र की शक्ति उत्तरोत्तर बढ़ी है और चंद्रयान-3 तथा जी20 शिखर सम्मेलन जैसी हाल की सफलताओं से देश के लोगों का आत्मविश्वास बढ़ा है, राष्ट्रों की बिरादरी में भारत का कद ऊंचा हुआ है और भारत ‘विश्व-मित्र’ के रूप में उभरा है।

विपक्षी सदस्यों ने सरकार पर संवैधनिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि देश में तनाव बढ़ रहा है और आम लोगों की आर्थिक समस्याएं बढ़ी हैं। दोनों सदनों में कई विपक्षी सदस्यों ने महिला आरक्षण विधेयक शीघ्र पारित कराए जाने की मांग की।

संसद के पांच दिन के विशेष सत्र का सोमवार को पहला दिन पुराने संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही का आखिरी दिन था। मंगलवार अपराह्न से लोक सभा और राज्य सभा की बैठकें नवनिर्मित संसद भवन में आहूत की गयी हैं। सदस्यों ने कहा कि संसद यह भवन में संविधान सभा से लेकर आज तक लोकतांत्रिक प्रतिबद्धता के साथ देश की विकास यात्रा के संकल्पों का साक्षी रहा है। इसने इस यात्रा में देश में आए कई उतार चढ़ावों का गवाह रहा और यह आने वाले समय में भी प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

‘संविधान सभा से प्रारंभ होकर 75 वर्ष की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां , अनुभव, यादें और सीख’विषय पर लोक सभा में चर्चा शुरू करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वाधीन भारत के अमृतकाल के प्रारंभ में ‘राष्‍ट्र एक नया विश्‍वास, नयी उमंग, नये सपने, नये संकल्‍प, और नये सामर्थ्‍य से भरा है।” उन्होंने इसे ‘ हमारे 75 साल के संसदीय इतिहास के सामूहिक प्रयास का परिणाम बताया।’

श्री मोदी ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर अपने पूर्ववर्ती डॉ मनमोहन सिंह की सरकारों के योगदन का उल्लेख किया। उन्होंने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने में सदनों के अध्यक्षों और सभापतियों के योगदान को याद किया। उन्होंने संसद पर आतंकवादी हमले का मुकाबला करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षाकर्मियों को भी नमन किया और कहा कि इस भवन में देश के तीन प्रधानमंत्रियों जवाहर लाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के पद पर रहते हुए उनके निधन पर आंसू भी बहाए हैं।

कार्यवाही शुरू होते ही सदन ने जी-20 की सफलता पर अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा रखे गए एक सराहना प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया।

श्री मोदी ने इसके लिए आभार व्‍यक्‍त करते हुए कहा, “ जी-20 की सफलता 140 करोड़ देशवासियों की है। यह भारत की सफलता है, किसी व्‍यक्ति की सफलता नहीं है, किसी दल की सफलता नहीं है।” प्रधानमंत्री ने कहा यह देश के लिए गर्व की बात है कि जी20 की उसकी अध्यक्षता में अफ्रीकी यूनियन इसका सदस्‍य बना।

श्री मोदी ने कहा , “ हम सबके लिए गर्व की बात है, आज भारत विश्‍वमित्र के रूप में अपनी जगह बना पाया है। पूरा विश्‍व भारत में अपना मित्र खोज रहा है, पूरा विश्‍व भारत की मित्रता को अनुभव कर रहा है। ”

श्री मोदी ने भारत की संसदीय यात्रा की उपल्ब्धियों की गिनती करते हुए कहा कि इस यात्रा में जनता का इस संसद पर विश्वास बढ़ता ही गया है। उन्होंने कहा प्रयास यह होना चाहिए कि इस व्यवस्था के प्रति उनका विश्वास अटूट बना रहे।

उन्होंने कहा हम जब यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं , तो हमारा मन-मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है, अनेक यादों से भरा हुआ है। खट्टे-मीठे अनुभव भी रहे हैं, नोक-झोंक भी रही है, कभी संघर्ष का माहौल भी रहा है तो कभी इसी सदन में उत्सव और उमंग का माहौल भी रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास’ का मंत्र, अनेक ऐतिहासिक निर्णय, दशकों से लंबित विषय, उनका स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ है।उन्होंने कहा कि यह सदन अनुच्छेद-370 की व्यवस्था में बदलाव पर हमेशा-हमेशा गर्व करेगा। इसी सदन में एक देश-एक कर की जीएसटी प्रणाली लागू करने और एक रैंक-एक पेंशन का निर्णय हुआ। और यहीं पहली बार देश को गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की सौगात बिना किसी विवाद के दी गयी।

श्री मोदी ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की ही ताकत है कि कांग्रेस में जीवन खपाने वाले मोरारजी देसाई और वी पी सिंह ने गैर-कांग्रेसी सरकारों का नेतृत्व किया तथा राजनीति से निवृत्ति का मन बना चुके नरसिम्हा राव ने पांच साल तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की।

उन्होंने यह भी कहा कि इस संसद में सबकी सहमति से कठिन से कठिन कार्य होते हुए हमने देखें हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में इसी सदन ने तीन राज्यों छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड का का गठन पर पुराने और नव गठित- दोनों राज्य में उत्सव मानाए गए। उन्होंने इसी संदर्भ में तेलंगाना के गठन की कड़वी यादों का भी जिक्र किया और कहा कि काफी खून खराबे के बाद तेलंगाना बना। पर इसका उत्सव न तेलंगाना और न ही आंध्र प्रदेश मना पाया, कटुता के बीज बो दिए गए।

श्री मोदी ने कहा, “ अच्छा होता उसी उमंग और उत्साह के साथ हम तेलंगाना का निर्माण करते तो एक नई ऊंचाई पर आज तेलंगाना पहुंच चुका होता। ”

श्री मोदी ने संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व धीरे- धीरे बढ़ी है। अब तक करीब-करीब साढ़े सात हजार से अधिक जनप्रतिनिधि दोनों सदनों में मिलाकर के योगदान दे चुके हैं इनमें करीब 600 महिला सांसद रही हैं।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री के भाषण के बाद अपने वक्तव्य में कहा कि सरकार को संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित कराना चाहिए। उन्होंने देश के विकास में कांग्रेस के नेतृत्ववाली पिछली सरकारों के योगदान का भी उल्लेख किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सुप्रिया सुले ने कहा कि भारत की पहचान विविधता में एकता है।

राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद में स्वस्थ बहस को फलते-फूलते लोकतंत्र की पहचान करार देते हुए कहा कि सदस्यों को टकराव से बचना चाहिए क्योंकि व्यवधान की रणनीति को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का लोग कभी समर्थन नहीं करेंगे।

सदन के नेता और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उम्मीद जतायी कि यह सदन अपनी गरिमा को बढाते हुए नये भवन में नयी सोच के साथ देश को नया रूप देने में अपनी भूमिका निभायेगा। उन्होंने कहा कि यदि सदस्य देशहित और जनहित को उपर रखेंगे तो सदन की गरिमा अपने आप बढ जायेगी।

श्री गोयल ने कहा कि जी 20 सम्मेलन के सफल आयोजन के माध्यम से भारत ने दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ी है और अभी नया संसद भवन दुनिया में भारत के आगे बढ़ने का उत्साह पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि भारत मंडपम और यशोभूमि जैसी ढांचागत सुविधाएं देश की शान बढायेंगे।

राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने महत्वपूर्ण विधेयकों को किसी समिति के पास भेजे बगैर पारित कराये जाने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की। अपनी बारी आने पर भाजपा के श्री सुधांशु त्रिवेदी ने उनकी इस बात का खंडन किया और आंकड़ों के अधार पर बताया कि इस सरकार में 80 प्रतिशत विधेयक संमितियों में गए हैं। श्री खड़गे ने एक कविता भी पढ़ी जिसमें उन्होंने भारत नाम पर कटाक्ष करते हुए कहा, “ बदलना है तो हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है?”

श्री खड़गे ने बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी बढ़ती रही तो लोकतंत्र भी नहीं रहेगा। विपक्ष के नेता ने सभापति जगदीप धनखड़ पर भी टिप्पणी करते हुये कहा ,“ मेरी छोटी गलती की भी बहुत बड़ी सजा देते है। वे बड़ी गलतियां करते हैं तों भी आप माफ कर देते हैं। ”

कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी संविधान के दायरे में आपातकाल लगाया गया था लेकिन इस समय अधोषित आपातकाल लागू है।

राज्य सभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जान ब्रिटास ने कहा कि देश में धर्म और पंथ के नाम पर विभाजन बढ़ रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार ने कहा कि समाज में सौहार्द खत्म हो रहा है और आक्रामकता बढ़ रही है जिसके खतरनाक परिणाम हो सकता है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने नये संसद भवन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देते हुए कहा कि देश को अपनी लोकतांत्रिक यात्रा पर गर्व है। पूरा विश्व भारतीय लोकतंत्र का उल्लेख करता है।

लोक सभा में अध्यक्ष श्री बिड़ला और राज्य सभा के सभा पति श्री धनखड़ ने अपने अपने सदन में भारत की संसदीय यात्रा पर दिन भर चली सार्थक चर्चा के लिए सदस्यों को धन्यवाद देते हुए सदन की कार्रवाई मंगलवार को अपराह्न नए संसद भव में निर्धारित कक्षों में आयोजित किए जाने के की घोषणा के साथ आज की कार्यवाही समाप्त की।

राज्य सभा में भारतीय जनता पार्टी के भुवनेश्वर कलिता, आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी,बीजू जनता दल की ममता मोहंता , बीजद के ही अमर पटनायक, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाई एस आर कांग्रेस के एस निरंजन रेड्डी, असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन और कई अन्य सदस्यों ने अपने विचार रखे।

लोक सभा में वाईएसआर कांग्रेस के श्रीनिवासल्लु रेड्डी ,जनता दल (यूनाइटेड) के गिरधारी यादव, बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब , भारतीय जनता पार्टी के राकेश सिंह ,बहुजन समाज पार्टी के गिरीश चंद्र , नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी और अन्य सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय