खूबसूरती और नारी का अटूट एवं अविचल रिश्ता है। हर स्त्री खूबसूरत दिखना चाहती है। कोई भी स्त्री चाहे वह किसी भी उम्र की हो हमेशा खूबसूरत बनी रहना चाहती है। स्त्री की खूबसूरती का उसकी त्वचा से भी गहरा संबंध होता है। यदि त्वचा स्निग्ध मुलायम और चमकदार है, तो निश्चय ही खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। खूबसूरत त्वचा चेहरे के सौन्दर्य में कई गुना वृद्धि कर देती है।
त्वचा को खूबसूरत एवं नाजुक बनाये रखने की लालसा तो सभी के मन में होती है परंतु सभी की त्वचा में प्राकृतिक सुंदरता नहीं होती है। यदि त्वचा की नियमित देखभाल की जाये तो हर प्रकार की त्वचा को सुंदर बनाया जा सकता है। साफ, चिकनी और चमकदार त्वचा ही खूबसूरती की पहली सीढ़ी है। ऐसी त्वचा उचित देखभाल से प्राप्त की जा सकती है। अलग-अलग महिलाओं की त्वचा अलग-अलग प्रकार की होती है, लेकिन मुख्य रूप से त्वचा तीन प्रकार की होती है- तैलीय त्वचा, रूखी त्वचा और सामान्य त्वचा।
तैलीय त्वचा की मुख्य पहचान यह है कि प्रात:काल सोकर उठते समय नाक के ऊपर हाथ लगाकर देखने पर तेल की चिकनाई दिखाई देती है रूखी त्वचा बिल्कुल खुश्क होती है जबकि सामान्य त्वचा में खुश्की या चिकनाई बिल्कुल नहीं होती है।
तैलीय त्वचा वाले शरीर में तेल ग्रंथियां अधिक सक्रिय होती है, जिनसे तेलनुमा सींबम निकलता है। जब यह सीबम त्वचा पर एकत्र हो जाता है और इसकी उचित साफ-सफाई नहीं होती है। यह त्वचा के रोम छिद्रों पर जम जाता है। इसी के परिणाम स्वरूप चेहरे की संवेदनशील त्वचा पर मुंहासे हो जाते हैं। मुंहासे से बचने के लिए त्वचा की उचित साफ-सफाई अत्यंत आवश्यक है। पानी एवं साबुन द्वारा सफाई करना चाहिए।
अच्छे क्लीजिंग मिल्क या टोनर से भी साफ करना चाहिए। यदि आप कृत्रिम प्रसाधनों से परहेज करती है तो नीबू या गाय के कच्चे दूध का भी उपयोग कर सकती है, पर नीबू का नियमित प्रयोग त्वचा को रूखा बना सकता है, इसलिए नीबू का प्रयोग सप्ताह में दो बार से अधिक नहीं करना चाहिए। रोजाना रात को सोते समय चेहरे के मेकअप को अच्छी तरह से साफ करके चेहरे को साफ पानी से धो लेना चाहिए, इससे कील मुंहासों से तो बचा ही जा सकता है साथ ही त्वचा साफ, स्वस्थ और कोमल बनी रहती है। नियमित सफाई से चेहरे पर असमय पडऩे वाली झुर्रियों से भी बचा जा सकता है।
रूखी त्वचा में चिकनाई की कमी होती है इसलिए यह खुरदुरी, शुष्क और चमकहीन होती है। इस प्रकार की त्वचा की यदि उचित देखभाल नहीं की जाये तो त्वचा पर झुर्रियां पडऩे लगती है। इस प्रकार की त्वचा शीत ऋतु में तो बहुत ही शुष्क हो जाती है। रूखी त्वचा पर साबुन का कम से कम उपयोग करना चाहिए। रुखी त्वचा पर मलाई का उपयोग फायदेमंद होता है। मलाई में नीबू और गुलाबजल अच्छी तरह मिलाकर आधे घंटे तक त्वचा पर लगाये रखें फिर साबुन से त्वचा को साफ कर दें। यह प्रयोग शुष्क त्वचा को चमकीला तथा मुलायम बनाये रखता है।
सामान्य त्वचा स्वाभाविक रूप से चमकीली होती है। यह न तो अधिक तैलीय होती है और न अधिक रुखी। इस प्रकार की त्वचा में झुर्रियां भी देरी से पड़ती है। सामान्य त्वचा को रुखी या तैलीय त्वचा की अपेक्षा कम देखभाल की आवश्यकता होती है। सफाई सभी प्रकार की त्वचा के लिए बहुत आवश्यक है। अन्यथा सुंदर त्वचा पर भी कील मुंहासे होते देर नहीं लगेगी।
यदि छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो हम त्वचा को अनेक कठिनाइयों से बचा सकते हैं। बहुत अधिक और तीखी धूप, शराब, सिगरेट, चाकलेट, फास्टफूड, अधिक चीनी, अधिक नमक, तनाव, चिन्ता, सस्ते और हानिप्रद सौन्दर्य प्रसाधन आदि अच्छी खासी त्वचा को नुकसान पहुंचा देते हैं। गर्मियों में अधिक देर तक धूप में घूमने से त्वचा काली पड़ जाती है। अधिक शराब पीने से भी त्वचा में शीघ्र झुर्रियां पडऩे लगती हैं और आंखों के नीचे की त्वचा काली पड़ जाती है। घटिया क्रीम और लोशन भी त्वचा पर दाग धब्बे बना देते हैं। कूलर या हीटर के सामने अधिक देर तक बैठने से त्वचा की स्वाभाविक कमनीयता नष्ट होने लगती है।
ब्लीचिंग और स्टीमिंग भी कभी-कभी नुकसान देह साबित हो जाते हैं, क्योंकि यदि क्लीनिंग, टोनिंग और उबटन आदि को सही मात्रा में उचित प्रकार से उपयोग नहीं किया जाए तो त्वचा शुष्क और खुरदरी तो हो ही जाती है, साथ ही त्वचा की स्वाभाविक चमक भी लुप्त होने लगती है। इसी प्रकार यदि भाप लेते समय ज्यादा गर्म पानी का उपयोग किया जाए तो चेहरे की त्वचा काली पड़ जाती है, इसलिए ब्लीचिंग और स्टीमिंग बहुत ही सावधानीपूर्वक करना चाहिए।
त्वचा को चमकदार, चिकना और मुलायम बनाये रखने के लिए सफाई का विशेष महत्व है। इसके अलावा संतुलित आहार, सलाद, हरी सब्जियां, मौसमी फल और दही का सेवन भी आवश्यक है। पानी का त्वचा की सुंदरता में विशेष महत्व है इसलिए आप जितना अधिक पानी पी सकती हैं उतना ही अच्छा है क्योंकि पानी पीने से त्वचा में नमी और चिकनाई बनी रहती है।
इस सबके अलावा प्रतिदिन सुबह ताजी हवा में सैर करने और साफ पानी में तैरने से भी त्वचा स्निग्ध और मुलायम बनी रहती है। इन सब सावधानियों और उपायों से आप त्वचा को अधिक समय तक मुलायम कोमल, कमनीय और स्निग्ध बनाये रख सकते हैं। हां खूबसूरत त्वचा वाले चेहरे पर चमकती मुस्कुराहट और चमकती बिंदिया चार चांद लगा देती है यह बात कभी भी न भूले तो आपके सौन्दर्य में भी चार चांद लग जाएंगे।
अंजनी सक्सेना – विनायक फीचर्स