नोएडा। नोएडा में कुत्ते या बिल्ली पालने वालों को अथॉरिटी शिविर में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। पालतू कुत्ते-बिल्ली के पंजीकरण संख्या में बढ़ोत्तरी करने के लिए नोएडा प्राधिकरण सेक्टर-सोसाइटियों में जाकर शिविर लगवा रहा है। पंजीकरण के लिए अथॉरिटी ओर से चार सेक्टर-सोसाइटी में पंजीकण शिविर लगाया गया। जिसमें सेक्टर-104 एटीएस वन हेमलेट सोसाइटी, सेक्टर-39, सेक्टर-40 और सेक्टर-62 प्रांगण अपार्टमेंट सोसाइटी शामिल रही। इन शिविर में काफी कम संख्या में लोग पहुंचे।
इन शिविर का ओएसडी इंदु प्रकाश ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि बहुत ही कम लोग पंजीकरण कराने आ रहे हैं। ओएसडी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए आरडब्ल्यूए-एओए से अपने यहां कुल और पंजीकरण हो चुके पालतू कुत्तों का रिकॉर्ड देने के निर्देश दिए। बता दें, अभी बिना जुर्माने के सोसाइटी में शिविर लगाकर प्राधिकरण पंजीकरण करवा रहा है। एक अप्रैल से जुर्माना लगाया जाएगा।
ओएसडी ने आरडब्ल्यूए और सोसाइटी को निर्देश दिए कि वह अपने स्तर पर एक सर्वे कराएं कि उनके यहां पर कुल कितने पालतू कुत्ते हैं और कितनों का पंजीकरण हो चुका है। इसके अलावा प्राधिकरण अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूर्व में जितने भी शिविर लगाए जा चुके हैं, उनकी एक सूची बनाएं। रिकॉर्ड सामने आने पर उन मालिकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने अभी तक पालतू कुत्तों का पंजीकरण नहीं कराया है।
आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने बीते 12 दिसंबर 2022 को पेट पॉलिसी लागू की थी। इसके मुताबिक प्रत्येक साल कुत्ते या बिल्ली को पालने वाले लोगों को ₹500 देने होंगे। यह राशि अप्रैल में जमा करनी होगी। नोएडा अथॉरिटी ने “पेट रजिस्ट्रेशन ऐप” भी लॉन्च किया है। इसके लिए हेल्पलाइन नंबर 9999352343 भी जारी किया है। अगर किसी भी पालतू जानवर के मालिक को अपने कुत्ता या बिल्ली को लेकर कोई दिक्कत होगी तो वह इस नंबर पर कॉल कर सकता है।
अगर किसी व्यक्ति ने अपना पालतू जानवर सड़क, गली, मोहल्ले, हाउसिंग सोसायटी या गांव में खुला छोड़ दिया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार ₹100, दूसरी बार ₹200 और तीसरी बार ₹500 अर्थदंड लगेगा। इसके बाद भी अगर पालतू पशु को खुला छोड़ा गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शहर में कोई भी व्यक्ति व्यवसायिक दृष्टिकोण से ब्रीडिंग सेंटर अपने फ्लैट या मकान में नहीं खोल सकेगा। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर ₹5,000 का अर्थदंड लगेगा और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।