Thursday, April 24, 2025

पाकिस्तान में दोहरी मार, महंगाई और बड़े पैमाने पर नौकरी का नुकसान

इस्लामाबाद। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में आम आदमी की कमर तोड़ दी है। इसके अलावा, हर 10 से 15 दिनों में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी और कर लगाने से आम आदमी का जीवन दयनीय हो गया है।

देश पर मंडरा रहे आर्थिक संकट ने निश्चित रूप से आम आदमी को न केवल अपनी जीवन शैली और रहन-सहन की स्थितियों पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर किया है, बल्कि यह भी सामने रखा है कि रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कभी न खत्म होने वाला संघर्ष है।

देश की टॉप मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में एक में कार्यरत सिविल इंजीनियर मूसा एक स्थायी कर्मचारी था और पिछले पांच वर्षों से काम कर रहा था। हालांकि, सरकार द्वारा व्यापार क्षेत्रों के लिए आयात पर प्रतिबंध लगाने और सभी एलसी (लीज क्रेडिट) को रोकने के साथ, अधिकांश विनिर्माण कंपनियां अपने प्लांट्स को बंद करने और हजारों वर्कस को निकालने पर मजबूर हैं। यह कंपनियां अपने उत्पादों के लिए आयातित वस्तुओं पर निर्भर हैं।

[irp cats=”24”]

मूसा उन कर्मचारियों में से हैं, जिन्होंने अपनी फाइव-फिगर सैलरी वाली नौकरी खो दी। वह भी इंडस्ट्रियल प्लांट्स के बंद होने का शिकार हो गए।

मूसा ने कहा, मैं वहां एक स्थायी कर्मचारी था। लेकिन सरकार के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण प्लांट बंद हो गए और मैंने अपनी नौकरी खो दी। मेरे पास पांच (पत्नी और तीन बच्चे) का परिवार है और मैं घर में अकेला कमाने वाला व्यक्ति हूं।

मूसा ने कहा, मेरी बेटी बीमार है और उसे स्पेशल ट्रीटमेंट और देखभाल की जरूरत है। मैं किराए के घर में रहता हूं। अब सब कुछ बिखर गया है। मुझे नहीं पता हैं अब क्या करना है। पाकिस्तान में अब नौकरियां नहीं है।

पहले घर का खर्च, रसोई का खर्च, बच्चों की पढ़ाई का खर्च, बिल और किराए का भुगतान आसानी से हो जाता था। लेकिन अब सब कुछ महंगा हो गया है। रसोई का खर्च दोगुना हो गया है, ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं, बिजली और गैस की कीमतें हर महीने बढ़ रही हैं। देश में कहीं भी नौकरी नहीं है, कोई कैसे जीवित रहे? बिना पैसे के इन चीजों को कैसे मैनेज किया जाए।

यह कहना सही होगा कि अपनी कमाई से घर का खर्च चलाने वाले आम आदमी के लिए देश में बिगड़ते आर्थिक संकट निश्चित रूप से एक बड़ा झटका है।

सैकड़ों हजारों लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है जबकि नौकरी करने वालों को 30 से 50 प्रतिशत वेतन कटौती का सामना करना पड़ा है। कई ऐसे हैं जिनकी तनख्वाह में महीनों तक लगातार देरी होती है, जिससे उनके लिए अपने खचरें को मैनेज करना और परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना और भी मुश्किल हो जाता है।

मूसा ने कहा, इस समय हम केवल उम्मीद कर सकते हैं कि चीजें बेहतर होंगी। क्योंकि, आज हम जहां खड़े है, वहां आम आदमी का जीवन नीचे गिर रहा है।

आने वाले दिनों में आम आदमी के लिए पहले से ही विकट स्थिति और भी बदतर होने की उम्मीद है। अधिक कर लगाने, पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि और मुद्रास्फीति, जो वर्तमान में लगभग 27 प्रतिशत है और 35 प्रतिशत से अधिक जाने की उम्मीद है, आम आदमी पर असर डालेगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय