शामली। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभागके सुपरवाईजर्स एसोसिएशन की दर्जनों महिला पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के नियम विरूद्ध किए गए स्थानांतरण को निरस्त करने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम सदर को सौंपा। जिसमें उन्होने आन्दोलन करने की चेतावनी दी है।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम उद्धव त्रिपाठी को दिए ज्ञापन में उन्होने कहा कि महिलाओं का जिलाध्यक्ष, जिला सचिव, विकलांग व छोटे बच्चों की माता तथा सरकारी सेवा में कार्यरत पति-पत्नी जो कि स्थानान्तरण कर दिया गया। कहा कि इनके स्थानान्तरण न किये जाए। मानव सम्पदा पोर्टल पर भी उक्त विकल्प में स्थानान्तरण से छूट है, लेकिन न तो मानव सम्पदा पोर्टल पर आये प्रार्थना-पत्रों को संज्ञान में लिया गया न ही विकल्प पत्र भरवाये गये।
स्थानान्तरण नीति में स्पष्ट उल्लेख है कि एक ही जनपद में अधिक समय से कार्यरत कार्मिकों का स्थानान्तरण किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया तथा न ही आकांक्षी जनपद से आये प्रार्थना पत्रों का संज्ञान लिया गया। सुपरवाइजर्स एसोसिएशन के चुनाव को मात्र एक वर्ष हुआ है। ऐसे में जनपद कन्नौज, रायबरेली या जनपद बांदा से आकर लखनऊ में संवर्ग की समस्याओं शासन निदेशालय स्तर पर प्रान्तीय अध्यक्ष एवं प्रान्तीय महामंत्री कैसे उठायेंगे। जबकि नियमावली में उल्लिखित है कि प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री, जिलाध्यक्ष, जिला सचिव मुख्यालय, जनपद में रहकर अपने शासकीय कार्यों के साथ एसोसिएशन के कार्यों को भली-भाँति निर्वाहन करेगे।
उन्होने मांग की कि पदाधिकारियों के नियम विरुद्ध किये गये स्थानांतरण को निरस्त किया जाए। वर्ष 2009 के पश्चात से मुख्य सेविका के पद से बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर कोई भी पदोन्नति नहीं की गयी। इस अवसर पर ममता देवी खोखर, गजेश सैनी, सुदेश भारती, रेखा, सुनिता आदि मौजूद रही।