देहरादून,। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून के राज्य में लागू होने के आसार बढ़ने लगे हैं। नियमावली बनाने को लेकर गठित समिति ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और इसे प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा है। जल्द ही नियमावली की प्रति मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुरूप उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस (09 नवम्बर) पर यूसीसी लागू हो सकता है।
सोमवार एनेक्सी में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह की उपस्थिति में समिति की आखिरी बैठक सदस्यों के साथ हुई।
समिति के अध्यक्ष शत्रुध्न सिंह ने बताया कि यूसीसी रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन के लिए कमेटी का गठन किया गया था। जिसकी पहली बैठक फरवरी 2024 में हुई थी। उन्होंने बताया कि बैठक में यूसीसी के जो बिन्दु बचे हुए थे, उस पर चर्चा की गई। हमने अपना काम समय रहते कर लिया है। अब जल्द ही नियमवाली को प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा है। उसके बाद इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया जाएगा।
शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने नौ नवंबर तक का समय दिया था। उससे काफी पहले ही नियम तैयार कर लिए गए हैं। लिहाजा बाकी प्रक्रियाओं को अपनाते हुए इसे राज्य में लागू किया जाएगा। लागू करने से पहले विधि विभाग भी इसका परीक्षण करेगा।
शत्रुघ्न सिंह ने बताया कि यूसीसी से जुड़े नियम ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इसके अलावा लिव इन रिलेशन को लेकर भी अलग से व्यवस्था की गयी है।
वहीं शादी, तलाक, वारिस, विरासत समेत तमाम पारिवारिक मुद्दों पर समिति ने विस्तृत सिफारिश की है।
बैठक में समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह संग सदस्य के तौर सुरेखा डंगवाल, अभिनव कुमार, अमित सिन्हा और मनु गौड़ शामिल रहे।
नियमावली इस तरह बनी:
साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में यूसीसी लागू करने की बात कही थी। साल 2022 का चुनाव जीतने और दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए कमेटी का गठन किया। गठित ने कमेटी ने कई महीने तक विचार विमर्श और चर्चा के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड उत्तराखंड का मसौदा तैयार किया। जिसे पहले “मंत्रिमंडल बैठक और बाद में उत्तराखंड विधानसभा से मंजूरी मिली। इसके बाद ये बिल उत्तराखंड राज्यपाल के पास गया। उत्तराखंड के राज्यपाल ने बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा। राष्ट्रपति से भी समान नागरिक संहिता विधेयक को मंजूरी मिल चुकी है। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में इस कानून को लागू करने के लिए नियमावली तैयार करने के लिए रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन के लिए कमेटी का गठन किया है।