वांशिगटन। अमेरिका सेना ने लाल सागर में भारत का झंडा लगे जहाज पर ड्रोन से हमले का बड़ा दावा किया है। अमेरिकी सेना के अनुसार इस जहाज पर यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा निशाना बनाया गया था।
यूएस सेंट्रल कमांड ने एक्स पर कहा कि गैबॉन के स्वामित्व वाले टैंकर एमवी साईबाबा ने किसी के हताहत होने की सूचना नहीं दी, लेकिन क्षेत्र में एक अमेरिकी युद्धपोत को इमरजेंसी कॉल भेजा गया है। यह हमला एक और टैंकर पर हमले के एक दिन बाद हुआ, जिसका आरोप अमेरिका ने ईरान पर लगाया था।
दरअसल, दो जहाजों ने दक्षिणी लाल सागर में गश्त कर रहे अमेरिकी नौसैनिक जहाज को सूचित किया था कि उन पर हमला हो रहा है। अमेरिकी सेना ने कहा कि उनमें से एक, नॉर्वे का झंडा लगे और स्वामित्व वाले एम/वी ब्लामेनन नामक रासायनिक टैंकर ने सूचना दी कि हूतियों द्वारा छोड़ा गया ड्रोन उनके बेहद करीब से गुजरा है। वहीं, जिस जहाज पर ड्रोन से हमला हुआ है वो एम/वी साईबाबा है। वहीं अमेरिकी सेना ने यह भी बताया है कि एक दूसरा जहाज, एम/वी साईबाबा, जो गैबॉन के स्वामित्व वाला जहाज है और जिसपर भारत का झंडा लगा हुआ है, पर ड्रोन से हमला हुआ है। यह जहाज अपने साथ कच्चा तेल लेकर जा रहा था। हालांकि, इस ड्रोन हमले में जहाज पर किसी के घायल होने की कोई सूचना अभी तक नहीं है।
बता दें कि शनिवार को भारत के तट पर एक व्यापारिक जहाज पर संदिग्ध ड्रोन हमला हुआ था। इस हमले को लेकर पेंटागन की और से अब एक बयान आया है, जिसमें कहा गया है कि ये ड्रोन ईरान से लॉन्च किया गया था। मोटर जहाज केम प्लूटो, एक लाइबेरिया-ध्वजांकित, जापानी-स्वामित्व वाला और नीदरलैंड-संचालित रासायनिक टैंकर पर स्थानीय समयानुसार लगभग 10 बजे हिंद महासागर में संदिग्ध ड्रोन हमला हुआ था। जिस समय इसपर हमला हुआ था, ये भारत के तट से 200 समुद्री मील दूरी पर था। जहाज के चालक दल में 21 भारतीय शामिल थे।