Wednesday, April 24, 2024

हैवान बना डॉक्टर फीस में 100 रुपए की कमी के कारण नही दिया पत्रकार को उपचार,पत्रकार की हुई मौत

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

शामली। जहां दुनिया में डॉक्टर को भगवान की संज्ञा दी जाती है वहीं शामली में एक चिकित्सक द्वारा हैवान बनने का मामला सामने आया है।जहां इमरजेंसी फीस में मात्र 100 रुपए कम होने के कारण उक्त लालची डॉक्टर ने एक वरिष्ठ पत्रकार को जिंदगी और मौत के बीच झूंझते हुए छोड़ दिया।जिसके परिणाम स्वरूप वरिष्ठ पत्रकार की दर्दनाक मौत हो गई।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

जिसके बाद से ही पत्रकारों में रोष बना हुआ है जहां घटना से गुस्साएं दर्जनों पत्रकारों ने शहर की सड़कों पर पैदल मार्च निकालते हुए जमकर हंगामा प्रदर्शन किया।पत्रकारों ने पुलिस को तहरीर देकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग की है साथ ही शाम तक मुकदमा दर्ज न होने पर अनशन की चेतवानी भी दी गई है।

आपको बता दें कि गत दिवस जनपद के वरिष्ठ पत्रकार अमित मोहन की सुबह के समय उनके मंडी मर्शगंज स्थित कार्यालय पर अचानक तबियत बिगड़ गई थी।जिसके बाद उन्हें शहर के मुकेश नर्सिंग होम में ले जाया गया था।जहा चिकित्सक ने इमरजेंसी फीस में एक हजार रुपए दिए जाने की मांग की।लेकिन वरिष्ठ पत्रकार की जेब में मात्र नौ सौ रुपए ही थे।जिसके चलते हैवान बने चिकित्सक ने पत्रकार को उपचार देने से मना कर दिया।जहां करीब आधे घंटे तक तड़पने के बाद पत्रकार की मौत हो गई।जिनका गत दिवस गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया था।जिसके बाद से ही डॉक्टर मुकेश के खिलाफ पत्रकारों में रोष बना हुआ था।

जहां शनिवार को जनपद के सैकड़ों पत्रकार शहर की जैन धर्मशाला में इकट्ठा हुए।जिसके बाद सभी पत्रकारों ने दिवंगत पत्रकार अमित मोहन गुप्ता की आत्मा शांति के लिए मोन धारण किया।जिसके बाद सभी पत्रकारों ने आरोपी चिकित्सक के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए हंगामा प्रदर्शन किया और जैन धर्मशाला से शहर कोतवाली तक एक पैदल मार्च निकाला।जहा सभी पत्रकारों ने मृतक पत्रकार के भाई के साथ एक तहरीर शहर कोतवाल को सौंपी और आरोपी चिकित्सक ने खिलाफ तत्काल प्रभाव से मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही किए जाने की मांग की।

वही पत्रकारों ने पुलिस को चेतावनी दी है कि अगर शाम तक आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो वे अनशन पर बैठने को विवश हो जायेंगे।जिसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर जिले के पुलिस प्रशासन की होगी।वही चिकित्सक द्वारा किए गए इस अमानवीय कृत्य की हर कोई जमकर आलोचना कर रहा है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय