लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) के भीतर नेतृत्व संकट ने उसे राज्य में लोकसभा चुनाव में कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला राज्य में पार्टी के प्रभारी व सांसद संजय सिंह के उपस्थित न रहने के कारण लिया गया। वह मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले साल अक्टूबर से जेल में हैं। उनकी अनुपस्थिति में पार्टी ने महसूस किया कि राज्य में उसके लिए चुनाव लड़ना संभव नहीं है।
पार्टी के एक पदाधिकारी नदीम अशरफ ने कहा,“संजय सिंह तीन-चार वर्षों से यूपी पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे और चुनावी राजनीति के लिए आवश्यक चीजों को जानते है। लेकिन उनके जेल चले जाने के कारण अब प्रदेश में ऐसा कोई पार्टी का नेता नहीं है, जो इस खाली स्थान को भर सके। इसलिए पार्टी ने अपने कदम वापस खींच लिए।”
उन्होंने कहा, ”संजय सिंह के बिना यहां चुनाव लड़ना संभव नहीं होगा। अब हमारे कार्यकर्ता या तो पार्टी के लिए प्रचार करने को दिल्ली या पंजाब या अन्य राज्यों में जाएंगे या यहां इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवारों के लिए काम करेंगे।
एक अन्य कारक जिसने आप को यूपी में चुनाव लड़ने से पीछे कर दिया, वह यह है कि यूपी में इंडिया ब्लॉक के मुख्य घटक समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सीट बंटवारे की बातचीत में आप को शामिल नहीं किया। आप नेता ने कहा, “चूंकि इंडिया ब्लॉक की दोनों पार्टियों ने यूपी में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, इसलिए चुनाव लड़ने और विपक्ष को नुकसान पहुंचाने का कोई मतलब नहीं है।”