Thursday, January 23, 2025

खुर्शीद के इस बयान से वृंदावन के संतों में आक्रोश, उनकी सद्बुद्धि के लिए हिन्दू महासभा करेगी हवन यज्ञ!

मथुरा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पिछले दिनों विवादित बयान देते हुए रामराज्य की तुलना निजाम-ए-मुस्तफा से की थी, जिसके चलते साधु संतों में आक्रोश फैल गया। वृंदावन के संतों ने कहा कि राम राज्य में मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने लंका पर विजय प्राप्त की और रावण का वध किया, लेकिन निजाम-ए-मुस्तफा में हिंदुओ का कत्ल हुआ, साथ ही मंदिरों को तोड़ा था।

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने शनिवार को सलमान खुर्शीद के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भगवान से प्रार्थना की कि उन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें। भारत में रहकर ऐसे लोग भारत की ही बुराई करते हैं, हिंदू धर्म भाईचारा प्रेम भावना पैदा करता है, किसी को मारने काटने की सोचता भी नहीं है।

दरअसल, पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने रामराज्य की तुलना निजाम-ए-मुस्तफा से की थी, उसके बाद शनिवार को वृंदावन के साधु संत धर्माचार्य ने सलमान खुर्शीद के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भगवान इनको सद्बुद्धि दें, राम राज्य में तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने लंका पर विजय प्राप्त की और रावण का वध किया था। रावण के भाई विभीषण को लंका का राजा बनाया था। आगे कहा कि राजा बाली का वध करके सुग्रीव को राज्य देकर राजा बनाया गया। हिंदू धर्म कभी भी किसी को घृणा और मारने काटने की बात नहीं करता। सब को एक समान भाईचारा बनाकर रखता है, लेकिन निजाम-ए-मुस्तफा में मठ मंदिरों को तोड़ा गया। हिंदुओं का कत्ल किया गया और एक दूसरे में द्वेष भावना पैदा की गई।

वहीं, हिंदू महासभा की तरफ से राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की और भगवान से प्रार्थना की कि सलमान खुर्शीद की बुद्धि को भगवान शुद्ध करें।

दिनेश शर्मा ने कहा कि राम राज्य में सभी लोगों में समानता का अधिकार था, अपराध ना के बराबर था, निजाम-ए-मुस्तफा में गैर मुस्लिमों को काफिर कहा जाता था और गौ हत्या होती थी, गैर मुस्लिमों के लोगों पर अत्याचार होता था, शरिया कानून लगाया जाता था, लोगों में समानता का अधिकार नहीं था। बहन बेटियों को गंदी नजर से देखा जाता था। निजाम-ए-मुस्तफा में गैर मुस्लिमों के मठ मंदिरों पर कब्जा किया जाता था, इसलिए राम राज्य और निजाम-ए-मुस्तफा की तुलना करना बहुत ही निंदनीय है, हिंदू महासभा सलमान खुर्शीद के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करती है और सलमान खुर्शीद की बुद्धि को शुद्ध करने के लिए हिंदू महासभा के कार्यकर्ता हवन और पूजा पाठ करेंगे।

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