मथुरा। थाना जमुनापार क्षेत्र में औषधि विभाग की टीम ने एक मकान पर छापामार कर वहां से दस लाख से अधिक की दवाएं जब्त करते हुए शनिवार को तीन दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। मकान से चल रहे अस्पताल को टीम ने सीज करते हुए आरोपित को थाना जमुनापार पुलिस के हवाले कर दिया है। टीम की इस कार्रवाई से शनिवार को पूरे दिन मेडीकल स्टोरों के शटर गिरे रहे।
औषधि निरीक्षक एके आनंद ने शनिवार को बताया कि गोपनीय सूचना मिली कि थाना यमुनापार क्षेत्र के नगला हरप्रसाद स्थित मकान में दवाओं का अवैध भंडार बनाया गया है। मकान में अस्पताल भी चलाया जा रहा है। पुलिस को साथ लेकर डीआई एके आनंद ने गोपनीय सूचना के आधार पर यमुनापार के उस मकान पर पहुंच गए। उस समय मकान के बाहर ताला लगा मिला। आसपास के लोगों से जब जानकारी की गई तो बताया कि यह मकान विनोद निवासी नगला हर प्रसाद का है। लोगों ने यह भी बताया कि विनोद यहां अस्पताल भी चलाते हैं और दवाओं की सप्लाई होती है। औषधि विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से मकान का ताला खुलवाया और निरीक्षण किया। मकान के अंदर से 12 बोरों में आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, मल्टी विटामिन दवाएं भरी मिलीं। औषधि विभाग की टीम ने दवाओं को सीज कर दिया और तीन दवाओं के नमूने लिए गए।
एके आनंद ने कहा कि कॉन्स्टेबल विनोद कुमार पुत्र भगवान सिंह को ले आए, जब्त हुए भण्डारण में कुछ आयुर्वेदिक थीं और कुछ विटामिंस थे और कुछ एलोपैथिक औषधियां थीं। ड्रग इंस्पेक्टर एके आनंद ने बताया कि जब विनोद कुमार से लाइसेंस मांगा गया, तो वो लाइसेंस नहीं दिखा पाए। कोई बिल बुक भी नहीं थी। उनके पास कोई परचेज बिल भी नहीं था। ये नियमों का उल्लंघन है। इसके चलते सभी एलोपैथिक औषधियों को सीज कर कर दिया गया। कुल 12 बोरों में औषधियों को सीज किया गया। सभी दस्तावेजों पर विनोद कुमार पुत्र भगवान सिंह के हस्ताक्षर कराए गए।
पकड़ी गई दवाइयों की कीमत 10 लाख 14 हजार 688 रुपये है, इनको फॉर्म 16 पर सीज किया गया है। विवेचना के बाद न्यायालय में इनको पेश किया गया है।