-नीतू गुप्ता
व्यस्त ज़िन्दगी में सभी कामों के साथ-साथ अच्छी सेहत रखना एक समस्या बनता जा रहा है। अधिक व्यस्तता के कारण लोगों का झुकाव जंक फूड की तरफ बढ़ता जा रहा है। जंक फूड से पेट तो भरा जा सकता है पर शरीर को पौष्टिकता नहीं मिल पाती। इसका परिणाम यह निकलता है कि शरीर स्थूल होता जाता है और धीरे-धीरे कई बीमारियां असमय घेरती चली जाती हैं।
मोटापा सभी बीमारियों की मूल जड़ है। अपने खानपान में सही ध्यान देकर और पौष्टिक भोजन लेकर आप मोटापे को दूर कर सकते हैं। ध्यान दें कुछ विशेष टिप्स पर।
तैलीय भोजन का सेवन कम से कम करें। यह शरीर को नुक्सान पहुंचाता है। भोजन पकाते समय कम से कम तेलों का प्रयोग करें।
आलू, ब्रेड, पिज़्जा, बर्गर, पास्ता, मैकरोनी आदि का अधिक मात्रा में सेवन न करें। ये खाद्य पदार्थ बुढ़ापे की प्रक्रिया को तेज़ करते हैं। इनके स्थान पर दलिये का सेवन करें और ताज़े फल व सब्जियां अधिक मात्रा में लें।
कुछ भी खाकर पेट भरने की आदत न डालें। जब भी भूख लगे तो पौष्टिक स्नैक्स खाकर पेट भर सकते हैं जैसे मुरमुरे, भुने चने, सलाद आदि। ध्यान रखें-जैसा भोजन खायेंगे, वैसा मन बनेगा। भोजन का सीधा प्रभाव हमारी सोच और हमारे व्यक्तित्व पर पड़ता है। जैसा खाओ अन्न, वैसा होगा मन’ यह कहावत बिल्कुल सच है।
अधिक कैलोरी वाला भोजन वजन बढ़ाता है। पोषक पदार्थ वजऩ बढ़ाने में सहायक नहीं होते। क्रेश डाइटिंग न करें, न ही हेल्थ क्लीनिकों के चक्कर में पड़ें।
रेशे वाले भोजन का सेवन अधिक करें। ताज़ी सब्जियां व फल खरीदें। जंक फूड से परहेज़ करना ही अच्छा होता है।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों पर आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा लिखी होती है। उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ कर खरीदें। लेबल पर निर्माण तथा एक्सपायरी तिथि को भी ध्यान से देखें।
डिब्बाबंद जूस, कैन्डी, सोडा आदि में कैलोरी अधिक होती है। इनसे परहेज करें। इससे बेहतर है ताजा जूस पिएं या दही की लस्सी का सेवन करें।
दिन में चार-पांच बार थोड़ी-थोड़ी मात्र में कुछ न कुछ आहार लें। इससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती रहेगी तथा ब्लड शुगर का स्तर भी स्थिर रहेगा। स्वाद के चक्कर में भोजन ठूंस-ठूंस कर न करें। अपनी भूख से थोड़ा कम खाना ही सेहत के लिए अच्छा होता हैं और यह मोटापे से भी बचाकर रखता है।