ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म सिटी के विकासकर्ता के चयन को लेकर एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। फिल्म सिटी के लिए निविदा डालने का शुक्रवार को अंतिम दिन था, लेकिन एक भी निविदा नहीं आई। अब फिल्म सिटी का भविष्य चार अप्रैल को लखनऊ में होने वाली बैठक में तय होगा। इस बैठक में फिल्म सिटी को लेकर मिले प्रस्ताव चर्चा के लिए रखे जाएंगे।
यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार फिल्म सिटी के लिए पहली बार निविदा नवंबर 2021 में जारी की गई थी, इसमें केवल एक निविदा डाली गई, लेकिन सिक्योरिटी मनी आदि शर्तें पूरी न करने के कारण इसे रद्द करते हुए अक्टूबर 2022 में दूसरी निविदा जारी की गई थी। इससे पहले कंसेशन एग्रीमेंट में कई बदलाव भी किए गए। इसके तहत लाइसेंस अवधि चालीस से बढ़ाकर साठ साल करने, ओटीटी, मीडिया हाउस के भी निविदा में अनुमति दी गई, लेकिन ये प्रयास भी नाकाफी ही रही। इस बार भी निविदा डालने के लिए कोई आगे नहीं आया है।
अब फिल्म सिटी का भविष्य चार अप्रैल को होने वाली निविदा मूल्यांकन समिति की बैठक पर टिक गया है। समिति को निविदा न आने की जानकारी से अवगत कराने के साथ ही मिले प्रस्ताव चर्चा के लिए रखे जाएंगे।इसमें सबसे अहम प्रस्ताव केसी बोकाड़िया का है। उन्होंने 250 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित करने का प्रस्ताव दिया है, इसके साथ ही दावा किया है कि जमीन आवंटन के एक साल में फिल्म सिटी क्रियाशील हो जाएगी। इसमें क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा।
अभिनेता राजपाल यादव ने भी फिल्म सिटी में सौ एकड़ जमीन मांगी है। अभिनेता रजनीकांत भी फिल्म सिटी के लिए प्राधिकरण अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं। समिति के निर्णय के आधार पर ही फिल्म सिटी परियोजना पर अगला कदम उठाया जाएगा।