रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई गारंटियों को पूरा करने में लगी है, इसी क्रम की गारंटी का तीसरा वादा सुशासन दिवस के मौके पर पूरा किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अभनपुर के ग्राम बेन्द्री में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के धान के बकाया बोनस के रूप में 3,716 करोड़ रूपए की राशि उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की। उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदेंगे। जरूरत पड़ने पर समर्थन मूल्य में धान खरीदी की अवधि भी बढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मोदी की गारंटी के अंतर्गत हमने दो साल के बकाया बोनस के भुगतान का वादा किया था और इसे आज अटल बिहारी की जयंती सुशासन दिवस पर पूरा कर दिया गया है। हमारी कथनी-करनी समान है। प्रदेश ही नहीं पूरे देश ने मोदी की गारंटी पर भरोसा किया है। आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज किसानों के बैंक खाते में बोनस की राशि पहुंच गई है। कई किसानों को तो दो लाख से अधिक की राशि मिली है। किसानों में बहुत खुशी है। हमने प्रदेश की जनता से जो भी वादा किया है, वे सभी वादे पूरे किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शपथ लेने के अगले ही दिन कैबिनेट की बैठक में गरीबों के 18 लाख आवासों के निर्माण की मंजूरी दी। इससे उन लोगों को आवास मिल सकेगा, जो पिछले पांच साल में आवास से वंचित रहे थे। मोदी की गारंटी के अंतर्गत जो भी वादा हमने किया है। सभी वादे पांच साल के अंतर्गत पूरा करेंगे। हमने वादा किया है कि जो विवाहित महिलाएं हैं, उनके बैंक खाते में हर महीना एक हजार रुपए महतारी वंदन योजना के अंतर्गत देंगे। इसके लिए भी हमने अनुपूरक बजट में प्रावधान कर दिया है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कार्ड धारी परिवारों को पांच सौ रुपए में सिलेंडर देने का भी काम करेंगे। भूमिहीन कृषि मजदूरों को एक साल में दस हजार रुपए देने का काम करेंगे। विभिन्न विभागों के एक लाख रिक्त पदों को पूरी पारदर्शिता के साथ भरेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोग तेंदूपत्ता को हरा सोना कहते हैं। हमारी सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपए प्रति मानक बोरा की दर से पारिश्रमिक का भुगतान करेगी। इसके साथ ही संग्राहकों के लिए चरण पादुका सहित अन्य लाभकारी योजनाओं को निरंतर जारी रखा जाएगा। अब आयुष्मान कार्ड में 5 लाख रूपए की जगह 10 लाख रूपए तक की इलाज की सुविधा मिल सकेगी। अब बीमारी के इलाज के लिए ऋण लेने, खेत बेचने की जरूरत नहीं होगी।