Thursday, April 10, 2025

यूपी में लिफ्ट और एस्कलेटर के लिए भी लागू होगा कानून, सीएम योगी ने दिए यह दिशा-निर्देश

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुमंजिला इमारतों में लगने वाली लिफ्ट/एस्कलेटर की सुरक्षा, संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण और बहुमंजिला इमारतों के प्रसार से लिफ्ट और एस्कलेटर का उपयोग बढ़ रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र में अधिक फुटफाल वाले स्थानों पर स्थापित होने वाले लिफ्ट और एस्कलेटर के बारे में इनकी बनावट, स्थापना, संचालन और रख-रखाव ठीक ढंग से न किये जाने की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं।

योगी ने कहा कि लिफ्ट और एस्कलेटर का उपयोग सामान्य व्यक्तियों के साथ-साथ बुजुर्ग व्यक्तियों, बच्चों, बीमार व्यक्तियों तथा दिव्यांगजनों द्वारा किया जाता है। इनकी सुरक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस उद्देश्य से लिफ्ट और एस्कलेटर के निर्माण, गुणवत्ता, अन्तर्निहित सुरक्षा सुविधाओं, स्थापना, संचालन और रख-रखाव के लिए निर्धारित और प्रकियाओं का पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस बारे में प्रदेश में कोई अधिनियम नहीं लागू है। देश के अन्य प्रान्तों में लिफ्ट अधिनियम लागू है। इसे यथाशीघ्र लागू किया जाना आवश्यक है। नये लिफ्ट और एस्कलेटर की स्थापना करने वाले प्रत्येक स्वामी को चाहे वह निजी परिसर हो या सार्वजनिक परिसर हो, पंजीयन कराना अनिवार्य किया जाना चाहिए। पूर्व से स्थापित तथा संचालित लिफ्ट और एस्कलेटर के लिए भी यह अनिवार्य किया जाए।

उन्होंने कहा कि लिफ्ट और एस्कलेटर के निर्माण में बीआईएस मानकों का अनुपालन अनिवार्य करें। इनकी स्थापना में सुसंगत बिल्डिंग कोड तथा अन्य आवश्यक कोड का भी अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। लिफ्ट में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटो रेस्क्यू डिवाइस का लगाया जाना अनिवार्य हो, ताकि बिजली आपूर्ति या अन्य किसी खराबी की स्थिति में लिफ्ट के अन्दर फंसे यात्री निकटतम लैंडिंग तक पहुंचे और लिफ्ट का दरवाजा स्वतः खुल जाए। आपातकालीन घंटी, सीसीटीवी कैमरा, पर्याप्त रोशनी और लिफ्ट के बाहर संवाद करने हेतु संचार प्रणाली भी स्थापित करना अनिवार्य हो। किसी प्रकार की दुर्घटना के समय यात्रियों के जोखिम को कवर करने के लिए बीमा की व्यवस्था हो।

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