Friday, November 22, 2024

आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व आईएएस राम विलास यादव को ईडी ने किया गिरफ्तार

देहरादून। उत्‍तराखंड की जेल में बंद पूर्व आईएएस राम विलास यादव को अब ईडी ने भी गिरफ्तार किया है। पीएमएलए एक्ट के तहत देहरादून की सुद्धोवाला जेल  में राम विलास यादव की औपचारिक गिरफ्तारी की गई है। इसके बाद से उसे फिर सुद्धोवाला जेल में ही दाखिल कर दिया गया है। पूर्व आईएएस राम विलास यादव यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी थे।

सत्‍ता के संरक्षण की वजह से राम विलास बिना किसी डर के भ्रष्टाचार के जरिए अवैध संपत्ति अर्जित करते रहे। उत्तराखंड जाने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई और साल 2022 में उनके खिलाफ विजलेंस ने मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार का लिया था। इससे पहले वह यूपी की राजधानी लखनऊ में मंडी परिषद के अडिशनल डायरेक्टर और लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके हैं।

देहरादून, लखनऊ और गोरखपुर में विजिलेंस विभाग की टीम ने छापेमारी की थी। लखनऊ में दिलकश विहार कॉलोनी स्थित रानी कोठी और थाना गुड़म्बा के जनता विद्यालय में छापेमारी की गई थी। राम विलास पहले ऐसे आईएएस अधिकारी रहे जो जेल भेजे गए।

 

रामविलास यादव को 23 अप्रैल 2022 को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था। उनपर आरोप है कि उत्तराखंड में तैनात रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है। विजिलेंस ने जांच में पाया था कि उन्‍होंने ज्ञात स्रोतों से करीब 78 लाख रुपए की कमाई की, जबकि उनके पास 21 करोड़ रुपए की संपत्ति पाई गई है। पूर्व आईएएस रामविलास यादव का ज्यादातर कार्यकाल उत्तर प्रदेश में रहा है। विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, उनकी आय से जब संपत्तियों की तुलना की गई तो यह करीब 2600 फीसदी यानी तकरीबन 27 गुना अधिक निकली। ये सारी संपत्तियां उनके रिश्तेदारों के नाम हैं। उनकी पत्नी के नाम पर स्कूल, पैतृक गांव में मकान, जमीन, देहरादून में संपत्तियां, लखनऊ में कई संपत्तियां शामिल हैं।

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