नयी दिल्ली -दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार रात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े धनशोधन के पहलू की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया।
आम आदमी पार्टी के संयोजक श्री केजरीवाल को ईडी द्वारा दो घंटे की पूछताछ करने के बाद उनके निवास से गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम गिरफ्तार कर उन्हें ए.पी.जे पर अब्दुल कलाम रोड स्थित अपने दफ्तर ले आई है।
ईडी की टीम रात 11 बजे सीएम को उनके आवास से वित्तीय जांच एजेंसी के कार्यालय ले आई। एजेंसी के कार्यालय के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और आसपास बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पूरे इलाके में निषेधाज्ञा भी लागू कर दी गई है।
एक सूत्र ने कहा, “केजरीवाल आज रात ईडी लॉकअप में रहेंगे। जांचकर्ता उनसे (केजरीवाल) और पूछताछ कर सकते हैं। मेडिकल जांच के बाद उन्हें शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा।”
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की कानूनी टीम केजरीवाल की हिरासत पाने के लिए अदालत में पेश की जाने वाली रिमांड अर्जी भी तैयार कर रही है।
श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनकी कानूनी टीम उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाने के लिए पहुंच गयी थी। आप ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी और इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की ।
आप नेता जैस्मीन शाह ने एक्स पर कहा, “आप की कानूनी टीम ने आज रात 8:57 बजे – मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के मामले में उच्चतम न्यायालय में तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दायर की।”
उन्होंने कहा, “आप की कानूनी टीम शीर्ष न्यायालय के रजिस्ट्रार पुनीत सहगल के साथ लगातार संपर्क में है, जो मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के लिए लिस्टिंग का काम संभालते हैं। तत्काल सुनवाई के लिए पीठ का गठन किया जाएगा या नहीं, इस पर फैसला जल्द ही आने की उम्मीद है।”
वहीं, सुश्री आतिशी ने एक्स पर कहा, “हमने ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। हमने आज रात ही शीर्ष अदालत से तत्काल सुनवाई की मांग की है। ” उन्होंने कहा कि पार्टी की कानूनी टीम तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने के लिए उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार के आवास पर जा रही है।
लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और झटका लगा है क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय से एजेंसी द्वारा किसी “दंडात्मक कार्रवाई” से सुरक्षा देने से इनकार के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई तत्काल सुनवाई नहीं की । शीर्ष अदालत के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए शुक्रवार को उनकी याचिका का उल्लेख किये जाने की संभावना है।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज दिन में श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी से बचने की अर्जी को खारिज कर दिया था। उसके बाद ईडी अधिकारियों की टीम मुख्यमंत्री के आवास पर तलाशी के लिए पहुंची और दो घंटे तक पूछताछ की।
केजरीवाल मंत्रिमंडल के सहयोगी सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया मंच पर एक्स पर लिखा, “मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है।
ईडी की टीम किसी बाहरी व्यक्ति को मुख्यमंत्री के आवास के अंदर जाने की अनुमति नहीं दे रही थी। दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा कि यहां ईडी छापेमारी की गई है। पुलिस किसी को अंदर नहीं जाने दे रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार करने की पूरी तैयारी है। मुख्यमंत्री के आवास के बाहर आप नेताओं ने कहा कि छह से आठ अधिकारियों की टीम मुख्यमंत्री आवास के अंदर गयी है।
इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “भाजपा की राजनीतिक टीम (ईडी), केजरीवाल की सोच को कैद नहीं कर सकती…क्योंकि ‘आप’ ही भाजपा को रोक सकती हैं। सोच को कभी भी दबाया नहीं जा सकता।”
आम आदमी पार्टी ने एक्स पर कहा, “मोदी जी, केजरीवाल एक कट्टर देशभक्त हैं। आपसे और आपके टटपूंजीयों से नहीं डरने वाले हैं।”
उल्लेखनीय है कि श्री केजरीवाल को दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े मामले में नौ समन जारी किए गए हैं। इस मामले में ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में हैं। इस मामले में ईडी ने पिछले हफ्ते तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव की पुत्री एवं विधान परिषद सदस्य के कवीता को हैदराबाद में इसके संबंध में गिरफ्तार किया था।
श्री केजरीवाल की ओर से शीर्ष अदालत में पहुचे वकीलों ने मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताते हुए इस मामले की तत्काल सुनवाई करने की आग्रह किया है।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को ही मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा किसी “दंडात्मक कार्रवाई” के खिलाफ अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फिलहाल अंतरिम राहत देने वाला कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
हाई कोर्ट में अरविंद केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि ईडी के समन में उस क्षमता के बारे में स्पष्टता का अभाव है जिसके तहत केजरीवाल को पेश होने के लिए बुलाया गया है। उन्होंने एजेंसी पर आगामी चुनावों के बीच परेशान करने के प्रयास का आरोप लगाया।
सिंघवी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आवश्यकता के खिलाफ तर्क देते हुए कहा कि ईडी को मनमाने ढंग से शक्ति का प्रयोग करने की बजाय ऐसी कार्रवाई के लिए एक वैध कारण प्रदर्शित करना चाहिए। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित और अस्पष्ट करार दिया।
जवाब में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश विशेष वकील ज़ोहेब हुसैन के साथ एएसजी एस.वी. राजू ने अंतरिम राहत देने का विरोध करते हुए कहा कि कानून सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए, चाहे उनका ओहदा कुछ भी हो।
उन्होंने स्पष्ट किया कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी प्रमुख के रूप में नहीं, बल्कि उनकी निजी हैसियत से बुलाया गया था। उन्होंने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उनसे पूछताछ की आवश्यकता पर बल दिया।
राजू ने याचिका में विचारणीयता की कथित कमी को दोहराते हुए कहा कि अंतरिम राहत के लिए आवेदन पर विचार करने से मुख्य याचिका की सुनवाई समय से पहले हो जाएगी, जहां विचारणीयता का मुद्दा अनसुलझा है।
उन्होंने मामले में आम आदमी पार्टी की संलिप्तता के बारे में केजरीवाल की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि एफआईआर में न तो केजरीवाल और न ही पार्टी का नाम आरोपी के रूप में है।
ईडी ने पिछले सप्ताह उत्पाद शुल्क नीति मामले में केजरीवाल को नौवां समन जारी किया था, जिसमें उन्हें गुरुवार को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था।
सीएम ने किसी दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए अदालत का रुख किया और कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने का स्पष्ट इरादा है और इसलिए वह एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और मनोज जैन की खंडपीठ ने बुधवार को सीएम केजरीवाल से पूछा था कि वह समन पर पेश क्यों नहीं होते हैं।
जवाब में, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह भाग नहीं रहे हैं और पेश होंगे, बशर्ते उन्हें सुरक्षा दी जाए और उनके पक्ष में “कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाने” का आदेश दिया जाए।
इसके अलावा, अदालत ने ईडी से एजेंसी द्वारा उन्हें जारी किए गए नौ समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका की विचारणीयता पर जवाब देने को कहा था।
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को तय की।
एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 16 मार्च को अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जारी एजेंसी के समन का पालन न करने पर ईडी द्वारा दायर शिकायतों में सीएम केजरीवाल को जमानत दे दी थी।