शामली। जनपद में शिक्षा विभाग द्वारा मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त बताकर नोटिस दिए जाने के मामले में दर्जनों मदरसा संचालक डीएम दफ्तर पहुंचे। जहा उन्होंने शिक्षा विभाग के नोटिस को गलत ठहराते हुए जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें मदरसा संचालकों ने जिला अधिकारी से शिक्षा विभाग को नोटिस वापस लिए जाने की मांग की है।
आपको बता दें कि बुधवार को दर्जनों मदरसा संचालक डीएम दफ्तर पहुंचे। जहा उन्होंने जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया की जनपद में दर्जनों की संख्या में मदरसे है। जिनमें धार्मिक शिक्षा दी जाती है। इस प्रकार के मदरसे आजादी से पहले चले आ रहे है और ये विद्यालयों की श्रेणी में नहीं आते। मदरसा संचालकों का कहना है की कुछ दिन पूर्व शिक्षा विभाग द्वारा मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त है इसलिए उक्त मदरसों में पढ़ रहे बच्चो का प्रवेश किसी और शिक्षण संस्थान में करा दिया जाए और अगर ऐसा नहीं किया गया तो मदरसों पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी।जबकि निशुल्क एवम अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के संशोधित अधिनियम 2012 की धारा 2 (5) में स्पष्ट उल्लेख किया गया है की यह अधिनियम मुस्लिम मदरसों ,वैदिक पाठशालाओं या धार्मिक संस्थानों पर लागू नहीं होता। जिसके मुताबिक शिक्षा विभाग द्वारा मदरसों को भेजे गए नोटिस सरासर गलत है और मुस्लिम समाज में इससे काफी रोष है। मदरसा संचालकों ने जिला अधिकारी से शिक्षा विभाग के नोटिस को वापस कराए जाने की मांग की है।