मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में मंसूरपुर के गांव खुब्बापुर में छात्र की थप्पड़ लगवाने के मामले में पुलिस ने धारा 295 ए को बढ़ाया गया है। और जिला पुलिस ने शासन से चार्जशीट लगाने की अनुमति मांगी है। अनुमति मिलने के बाद पुलिस इस मामले में चार्जशीट लगा पाएगी।
आपको बता दें कि खुब्बापुर गांव में एक स्कूल में शिक्षिका के कहने पर एक नाबालिग छात्र को थप्पड़ मारने का मामला 24 अगस्त को सामने आया था। इसकी वीडियो वायरल हुई तो मामला जग जाहिर हुआ था। मीडिया की सुर्खियां बनने के बाद मामले की गूंज लखनऊ व दिल्ली तक हुई थी। वर्तमान में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में चल रहा है। अब सुनवाई के दौरान सोमवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए इस मामले में शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा का फैसला लेने के लिए आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सात अक्तूबर को इस मामले में वरिष्ष्ठ आईपीएस से जांच कराने के आदेश दिए थे तब मेरठ के आईजी नचिकेता झा ने जांच की थी और उन्होंने अपनी रिपोर्ट शासन में दी थी जिसे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। आईजी ने मुकदमे में आइपीसी की धारा 295 ए बढ़ाने को लेकर जांच की थी और धारा का इजाफा कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी।
बताया गया कि आईजी ने जो धारा 295ए बढ़ाई है उसने चार्जशीट लगाने के लिए शासन से अनुमति लेनी होती है। इसके लिए शासन को रिपोर्ट देकर अनुमति मांगी गई। अनुमति मिलने के बाद पुलिस इस मामले में चार्जशीट लगा पाएगी।
भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 295ए, किसी भी भाषण, लेखन या संकेत को दंडित करती है जो पूर्व नियोजित और दुर्भावना पूर्ण इरादे से नागरिकों के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करते है। इसमें दो या फिर अधिकतम तीन साल की सजा व आर्थिक दंड का प्रावधान है। धारा गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आईजी मेरठ नचिकेता झा ने जांच कर धारा 295 अपनी रिपोर्ट में बढ़ कर रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इस धारा के बढ़ाए जाने के बाद मामले में चार्जशीट लगाने के लिए शासन की अनुमति की जरूरत होती है। इसके बाद पूरे मामले में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।