भीलवाड़ा। भीलवाड़ा और शाहपुरा जिलों में बुधवार काे भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (एससी) और जनजाति (एसटी) आरक्षण में क्रिमिलेयर लागू करने के फैसले के विरोध में अजा-जजा संगठनों द्वारा बुलाए गए इस बंद ने दोनों जिलों में जनजीवन को प्रभावित किया।
औद्योगिक नगरी भीलवाड़ा में सुबह से ही बंद का असर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। स्कूल, कॉलेज, दुकानें, और बाजार सभी बंद रहे, जिससे पूरे शहर में सन्नाटा पसरा रहा। बंद के आह्वान के कारण आम लोग भी अपने घरों में ही रहने को मजबूर हुए। महत्वपूर्ण यह है कि बंद का समर्थन व्यापार संघ ने भी किया, जिसके चलते शहर की सभी प्रमुख बाजारें बंद रहीं।
भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने बंद को देखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी स्कूलों, और कोचिंग सेंटरों में अवकाश घोषित कर दिया था। इसके साथ ही, पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर व्यापक इंतजाम किए थे। शहर के प्रमुख चैराहों और बाजारों में पुलिस बल तैनात किया गया था, जो लगातार गश्त कर रहा था।
व्यापार संघ द्वारा बंद को दोपहर 2 बजे तक का समर्थन मिलने के बावजूद, आमजन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने मेडिकल और अन्य आवश्यक सेवाओं को चालू रखा था। इसके बावजूद, चाय, नाश्ते, और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की दुकानों के बंद रहने से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
इसी प्रकार शाहपुरा जिले में भी भारत बंद का व्यापक असर दिखाई दिया। यहां भी अजा-जजा संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बाजार बंद कराए। सुबह से ही शहर के सभी बाजार और दुकाने बंद रहीं, जिससे शहर में सन्नाटा छाया रहा। पुलिस और प्रशासन ने शाहपुरा में भी चाक-चैबंद व्यवस्थाएं की थीं।
शाहपुरा के बाजारों में सुबह से ही अजा-जजा संगठनों के पदाधिकारी घूम-घूम कर खुली हुई दुकानों को बंद कराते नजर आए। इसके चलते चाय, नाश्ते, सब्जी, और फल की दुकानों के बंद होने से आम जनता को काफी असुविधा हुई। शहर की सुरक्षा के लिए पुलिस बल प्रमुख बाजारों और चाैराहों पर तैनात किया गया, जो लगातार गश्त कर रहा था।
शाहपुरा के व्यापार मंडल ने भी बंद का समर्थन करते हुए दोपहर 12 बजे तक दुकानों को बंद रखने की सहमति दी थी। इस बीच, जिला कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने पहले ही शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया था, जिससे स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे।
दोनों जिलों में पुलिस और प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। पूरे भीलवाड़ा और शाहपुरा में पुलिस बल की तैनाती की गई है, जो प्रमुख बाजारों और संवेदनशील स्थानों पर गश्त कर रहा। बंद के दौरान शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया।
हालांकि, बंद के दौरान भीलवाड़ा और शाहपुरा में किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव की सूचना नहीं मिली, लेकिन आम जनता को दैनिक आवश्यकताओं की कमी के चलते कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
अजा-जजा संगठनों के इस बंद के चलते दोनों जिलों में जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की सख्त निगरानी और सुरक्षा व्यवस्थाओं के चलते बंद के दौरान शांति बनी रही।