चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने भले ही तीसरी बार सरकार बना ली हो लेकिन नायब सैनी सरकार में आठ मंत्री और कई विधायक इस बार चुनाव हार गए हैं। खास बात यह है कि विधानसभा स्पीकर भी इस बार अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं।
इससे पहले वर्ष 2019 में हुए चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट से केवल दो मंत्री ही चुनाव जीत पाए थे।
मंगलवार को घोषित हुए चुनाव परिणाम में हरियाणा विधानसभा के स्पीकर रहे ज्ञानचंद गुप्ता चुनाव हार गए हैं। पंचकूला में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बड़े बेटे कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रमोहन बिश्नोई ने हराया है। नूंह में मंत्री संजय सिंह हार गए हैं।
यहां कांग्रेस उम्मीदवार आफताब अहमद चुनाव जीते हैं। जगाधरी से मंत्री कंवरपाल गुर्जर चुनाव हार गए हैं। यहां कांग्रेस उम्मीदवार चौधरी अकरम खान ने जीत दर्ज की है। हिसार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे। यहां निर्दलीय चुनाव लड़ीं सावित्री जिंदल ने जीत दर्ज की है।
इसके अलावा थानेसर में भाजपा उम्मीदवार एवं नायब सरकार के मंत्री सुभाष सुधा चुनाव हार गए हैं। यहां कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा ने जीत दर्ज की है। रानियां से मंत्री रणजीत चौटाला चुनाव हार गए हैं। यहां इनेलो-बसपा उम्मीदवार अर्जुन चौटाला ने जीत दर्ज की है।
नांगल चौधरी से नायब सरकार के मंत्री अभय यादव चुनाव हार गए हैं। अंबाला शहर से पूर्व परिवहन मंत्री असीम गोयल कांग्रेस के निर्मल सिंह के हाथों चुनाव हार गए हैं। नायब सरकार में वित्त मंत्री जेपी दलाल भी चुनाव हार गए हैं। उन्हें कांग्रेस के राजबीर फरटिया ने हराया है।
नायब सरकार में मंत्री रहे महीपाल ढांडा पानीपत ग्रामीण सीट से चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने कांग्रेस के सचिन कुंडू को हराया है। इसी प्रकार पूर्व मंत्री मूलचंद शर्मा बल्लभगढ़ से दोबारा चुनाव जीत गए हैं।