लखनऊ- उत्तर प्रदेश में बिजली बिल की बकाया राशि के भुगतान के लिये आठ नवंबर को शुरू की गयी एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) से अब तक करीब 500 करोड़ रूपये के राजस्व की वसूली की जा चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि बिजली के बकाया बिल में राहत देने के प्रस्ताव को लेकर यह योजना उपभोक्ताओं के बीच हिट रही है और प्रतिदिन लाखों लोग इस योजना से जुड़ रहे हैं। अब तक इसके तहत करीब 6.25 लाख उपभोक्ताओं ने योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। यही नहीं, इस योजना के तहत प्रदेश सरकार ने अब तक करीब 500 करोड़ रुपए (495 करोड़ से ज्यादा) के राजस्व की वसूली कर ली है।
उन्होने बताया कि योजना के तहत दो तरह के लोग इसका लाभ ले रहे हैं। एक ओटीएस नॉर्मल और दूसरा ओटीएस थेफ्ट (जिन पर बिजली चोरी का बकाया है)। यह योजना 08 नवंबर से 31 दिसंबर तक कुल 54 दिनों तक तीन खंडों में चलेगी। इस योजना का पहला चरण 8 से 30 नवंबर, दूसरा चरण 01 दिसंबर से 15 दिसंबर तथा तीसरा चरण 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा। खास बात ये है कि जो उपभोक्ता जल्दी आएंगे, वो ज्यादा लाभ पाएंगे। खासतौर पर 30 नवंबर तक पंजीकरण कराने वाले उपभोक्ताओं को ज्यादा लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लि. (यूपीपीसीएल) के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल के अनुसार, इस योजना को लेकर सभी डिस्कॉम्स में लोगों के बीच उत्साह देखा जा रहा है। पहले चरण में ही 6.25 लाख लोगों का रजिस्ट्रेशन कराना इसका उदाहरण है। प्रतिदिन लाखों लोग योजना से जुड़कर अपने बकाये का एकमुश्त समाधान करा रहे हैं। प्रदेश सरकार की ओर से लोगों को राहत देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। जो भी लोग इस योजना का अत्यधिक लाभ लेना चाहते हैं वो 30 नवंबर से पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर योजना से जुड़ सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता किसी भी विभागीय बिलिंग काउंटर पर, एसडीओ या एक्सीएन कार्यालय पर या यूपीपीसीएल की वेबसाइट पर योजना में पंजीकरण कर इसका लाभ ले सकते हैं।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. की बात करें तो ओटीएस नॉर्मल और ओटीएस थेफ्ट के तहत 1.6 लाख से अधिक लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसके माध्यम से कुल 143 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। इसी तरह, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लि. के तहत योजना का लाभ लेने के लिए 1.72 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिससे विभाग को 130 करोड़ से अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई।
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि.के तहत 1.43 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया और विभाग ने 93.55 लाख राजस्व की वसूली की। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. के जरिए कुल 1.40 लाख से अधिक लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया, जिससे 127 करोड़ से अधिक के राजस्व की वसूली हुई। अंत में केस्को के तहत योजना का लाभ पाने के लिए 5500 से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया और 75 लाख के राजस्व की प्राप्ति हुई।