लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर गुरूवार रात से आंदोलतरत बिजली कर्मचारियों ने सरकार से मिले आश्वासन के बाद रविवार शाम हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ हुयी बैठक के बाद उत्तर प्रदेश विद्युत संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सशर्त हड़ताल वापस लेने की घोषणा की।
अधिकृत सूत्रो ने बताया कि ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियो के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा। इसके लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित भी किया कि अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में चाहे एफआईआर हो, निलंबन हो या अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई की गई हो, इसे शीघ्र ही वापस लिया जाएगा। संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में बातचीत के माध्यम से हल किया जायेगा।
श्री शर्मा ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए और जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हो, वह कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें।
गौरतलब है कि बिजलीकर्मियों ने 13 सूत्रीय मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री पर समझौते के उल्लघंन का आरोप लगाते हुये गुरूवार रात दस बजे से 72 घंटे की हडताल का ऐलान किया था। हड़ताल से प्रदेश की विद्युत व्यवस्था चरमरा गयी थी और लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इस दौरान सरकार ने संविदाकर्मियों की सेवायें खत्म करने के साथ 22 कर्मचारियों के निलंबन की भी कार्रवाई की और कई कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करायी गयी मगर बिजलीकर्मी टस से मस नहीं हुये।
रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच तीसरे राउंड की बैठक में बात बनी। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म होने का ऐलान किया। सरकार ने जो 3000 लोगों को निकाला था, 22 लोगों पर एस्मा लगाया था, 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था,ये सब सरकार वापस लेगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सभी उत्पीड़न वाली कार्यवाही वापस लेने के लिए उन्होंने यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देश दे दिए है।
उन्होंने सभी बिजली कर्मचारियों से अनुरोध किया है कि वे तत्काल अपने नियुक्ति स्थल पर पहुंचकर बिजली की व्यवस्था को सुचारु करे।
दूसरे राउंड की बैठक में नहीं पहुंचे थे मंत्री
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह 11 बजे दूसरे राउंड की वार्ता के लिए कर्मचारी नेता बैठक में पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे तक मंत्री का इंतजार किया। मगर, ऊर्जा मंत्री नहीं आए। इसके बाद संघर्ष समिति के नेता लोग चले गए। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने रविवार को बातचीत के लिए बुलाया था। इसलिए, हम लोग आए थे। लेकिन, मंत्री नहीं आए।
पहले राउंड की वार्ता 3 घंटे चली
गौरतलब है कि शनिवार रात भी ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच 3 घंटे की पहली मैराथन बैठक हुई थी मगर, इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। बिजली कटौती से प्रदेश में करीब 50 लाख उपभोक्ता परेशान थे।