गाजियाबाद। जीडीए का फ्लैट या भूमि अगर किस्तों पर ली है और एकमुश्त रकम जमा करना चाह रहे तो इसके लिए अब जीडीए कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब आवंटी को अपने फ्लैट या भूमि की एकमुश्त राशि जमा करने पर उसकी ईएमआई कम होगी। इसके लिए जीडीए में एकमुश्त राशि जमा कर अपनी किस्त नए तरीके से बनवा सकेंगे। इसके आदेश जीडीए वीसी अतुल वत्स ने दिए हैं। जीडीए वीसी के इस आदेश से जीडीए के आवंटियों के लिए राहत की खबर है। अब जीडीए से कोई भूखंड या फ्लैट लिया जाता है और उसकी किस्त जमा करते हैं।
इस दौरान कुछ पैसों की अलग से व्यवस्था हो जाती है तो जीडीए में एकमुश्त राशि जमा करवाकर अपनी किस्त को नए तरीके से बनवा सकते हैं। जीडीए वीसी अतुल वत्स का कहना है कि अगर कोई एकमुश्त राशि जमा करवाता है तो संबंधित कर्मचारी केवल एकाउंट अनुभाग से उसको वेरिफाई करवाने के बाद अपने स्तर से किस्त को संशोधित करके आवंटी को जारी करेगा। एकमुश्त राशि जमा करने से आवंटी का मूलधन कम होगा। पहले जितनी किस्त जा रही थी वो कम देनी होगी। फिलहाल इस आदेश के बाद जीडीए के आवंटियों को बहुत अधिक राहत मिलेगी। हालांकि इसमें एक शर्त लगाई है कि अगर आवंटी डिफॉल्टर होगा तो जमा धनराशि को पहले देय किस्तों में घटाया जाएगा।
किस्त कम करवाने को लगाने पड़ते थे चक्कर
इससे पहले कोई आवंटी अपने बकाए को एकमुश्त जमा करवाता था तो उसे अपनी किस्त कम करवाने के लिए जीडीए के चक्कर लगाने होते थे। कर्मचारी फाइल को अपर सचिव, सचिव और वीसी तक भेजते थे। इसके बाद उसका अप्रूवल आता था। इसके बाद किस्त कम होती थी। इसमे कई बार तो छह महीने से अधिक का समय लगता था। आवंटी जीडीए कर्मचारी के चक्कर काटते रहते थे।
काम में लापरवाह पर कर्मचारी होंगे सस्पेंड
जीडीए वीसी अतुल वत्स ने बताया कि जब किस्त को कम किए जाने की फाइलें सामने आई। तब पता चला कि वीसी के अप्रूवल के बाद किस्त को रिवाइज किया जाता है। उन्हें लगा कि बैंक में तो जैसे मूलधन में पब्लिक एकमुश्त पैसा जमा करता है वैसे ऑटोमैटिक उसकी किस्त संशोधित हो जाती है। जीडीए वीसी ने चेतावनी दी कि अगर किसी प्रकरण में जानबूझकर पब्लिक को परेशान किया जाता है। अगर किस्त को संशोधित करके नहीं जारी किया तो संबंधित कर्मचारी को मामला सही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाएगा।