बलिया। मिनिस्ट्रीयल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ व पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच के प्रदेश व्यापी आह्वान पर शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने महात्मा गांधी के चित्र के समक्ष राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ से जुड़े सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से मौन धरना दिया। जहां अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजने के लिए जिलाधिकारी को सौंपा।
उत्तर प्रदेश मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी संघ ने प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर कलेक्ट्रेट को बंद कर दिया। जिलाधिकारी कार्यालय के सामने एकत्रित होकर कर्मचारियों व शिक्षकों ने मुंह पर सफेद पट्टी बांध ली। दोपहर एक बजे से तीन बजे तक सभी कर्मचारी मौन धारण किए रहे। इसके बाद 22 सूत्री मांगों के समर्थन में सभा की और मांगों का ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा।
धरना सभा को संबोधित करते हुए कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कौशल कुमार उपाध्याय ने कहा कि कलेक्ट्रेट कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के साथ-साथ अपने 22 सूत्री मांगों के लिए 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक ”वर्क फार रुल” का आंदोलनात्मक कार्यक्रम चलाया। अब चेतावनी के रूप में कलेक्ट्रेट कार्यालय को बंद कर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। चेताया कि यदि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी किया जाएगा।
संयुक्त मंच के संयोजक व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंत्री वेद प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि हमें एनपीएस को लेकर कोई सुझाव या संसोधन मंज़ूर नहीं है। पूरे देश में पुरानी पेंशन बहाल होना चाहिए। इसलिए आज हम सभी देश मौन व्रत धारण कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए केंद्र सरकार का ध्यानाकर्षण कर रहे हैं। यदि 2024 के चुनाव से पूर्व पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो सपरिवार सरकार के विरुद्ध हम सभी मतदान करने के लिए तैयार हैं।
सभा में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंडल अध्यक्ष सुशील कुमार त्रिपाठी, सिनियर बेसिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री सुशील पांडेय कांन्ह जी, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अखिलेश राय, महासचिव अवनीश कुमार पाण्डेय, प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह, जिला मंत्री राजेश पाण्डेय संजय भारती, अशोक कुमार केशरी आदि थे।