अयोध्या-अयोध्या में एक पेय पदार्थ के बाटलिंग संयंत्र के कर्मचारियों से कलावा (रक्षा सूत्र) हटाने का वीडियो वायरल होने के बाद कुछ समय तक भ्रम की स्थिति बनी रहीं हालांकि स्थिति की गंभीरता को भांपते हुये फैक्ट्री प्रबंधन ने इस सिलसिले में एक बयान जारी कर सफाई पेश की है।
दरअसल, रामनगरी में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अमृत बाटलर्स प्रा.लि. नामक कोकाकोला की फैक्ट्री में कई कर्मचारी हाथों से सुरक्षा कर्मियों द्वारा कलावा काटकर हटाया जा रहा है फिर उन्हें फैक्ट्री में प्रवेश दिया जा रहा है। इस घटना के बाद फैक्ट्री के कर्मचारियों व स्थानीय निवासियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि धार्मिक प्रतीकों के साथ यह व्यवहार धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है। वीडियो में यह साफ दिखायी दे रहा है कि एक या दो नहीं बल्कि बड़ी संख्या में कर्मचारियों से कलावा हटाया जा रहा है, जिससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
फैक्ट्री के सिक्योरिटी अफसर पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने कर्मचारियों को इस शर्त पर ही फैक्ट्री में प्रवेश करने की अनुमति दी कि वह अपने हाथों से धार्मिक कलावा हटा दें। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं जिसमें लोग निंदा कर रहे हैं।
इस बीच कम्पनी की ओर से बयान जारी किया गया है। आला अधिकारी अर्जुन दास ने बताया कि जिस जगह पेयजल का प्रोडक्शन होता है वहां अंगूठी, कलाई घड़ी, चूड़ी या धागा आदि की गुणवत्ता शुद्ध रखने के लिये मनाही है। उन्होंने कहा कि अगर एक भी धागे का टुकड़ा कहीं पेयजल में पड़ गया और किसी बोतल में रिफनरी के समय चला गया तो कम्पनी की बदनामी होगी।
उन्होंने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि प्रवेश होते समय गहन छानबीन होती है। इसी छानबीन के समय किसी ने संस्थान को बदनाम करने के लिए वीडियो बनाकर वायरल कर दिया है। उन्होंने कहा कि कलावा सनातन धर्म की आस्था का विषय है और हम लोग भी कलावा बहुत आदर से बांधते हैं।
इस बारे में पुलिस अधीक्षक नगर मधुबन सिंह ने बताया कि कोकाकोला फैक्ट्री अमृत बाटलर्स पर चल रही कलावा बांधने की खबर पर फैक्ट्री से खंडन आ गया है। यह सही बात है कि फैक्ट्री में इन सब चीजों पर प्रतिबंध लगता है।