मेरठ। नोएडा में लोटस-300 प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली हैसिंडा प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों ने निवेशकों के साथ नोएडा अथॉरिटी को भी ठगा था। मामले में ईडी की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।
जांच में सामने आया है कि कंपनी को नोएडा अथॉरिटी ने प्रोजेक्ट के लिए जो भूमि लीज पर आवंटित की थी, उसका करीब 40 फीसद हिस्सा उसने दूसरी कंपनी को बेच दिया था। इसे बेचने से मिले 236 करोड़ रुपये की कंपनी के संचालकों और नोएडा अथॉरिटी के अफसरों के बीच बंदरबांट के अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सुराग तलाश रहा है।
कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध होने पर उनके खिलाफ जांच की जा रही है। खासकर वर्ष 2010 से 2016 तक तैनात रहे अधिकारी ईडी के रडार पर हैं। बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने 31 मार्च, 2010 को हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 107 में 67,241 वर्ग मीटर भूमि देने का अनुबंध किया था।
इसे हैसिंडा प्रोजेक्ट के नेतृत्व वाली छह कंपनियों के कंसोर्टियम ने खरीदा था। लीज डीड होने के दौरान निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी और विदुर भारद्वाज कंपनी के निदेशक एवं प्रोमोटर थे। कंपनी ने आगामी 10 वर्षों में नोएडा अथॉरिटी को लीज डीड की रकम का भुगतान किश्तों में किया। कंपनी द्वारा 25 मार्च 2020 को 27.69 करोड़ रुपये का अंतिम भुगतान किया गया था।