नयी दिल्ली- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अंशधारकों को भविष्य निधि की जमा राशि पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है। मार्च 2022 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2021-22 के लिए ब्याज दर को बीते चार दशकों के मुकाबले कम करते हुए 8.1 प्रतिशत कर दिया था. यह 1977-78 के बाद सबसे कम था।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में शनिवार को यहां केन्द्रीय न्यास बोर्ड की 235 वीं बैठक में इस आशय की सिफारिश की गयी। बैठक के दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार रामेश्वर तेली, मंत्रालय में सचिव आरती आहूजा और सदस्य सचिव एवं केन्द्रीय भविष्य निधि आयुक्त नीलम शमी राव भी मौजूद रहीं।
केंद्रीय बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अंशधारकों के खातों में ईपीएफ जमा पर 8.25 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर जमा करने की सिफारिश की। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद इस ब्याज दर को आधिकारिक तौर पर सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जाएगा। इसके बाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अपने ग्राहकों के खातों में स्वीकृत ब्याज दर जमा करेगा।
सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने ईपीएफ अंशधारकों के खातों में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये की कुल मूल राशि पर 1,07,000 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक आय राशि वितरित करने की सिफारिश की है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ईपीएफओ आय 17.39 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है, जबकि मूल राशि 17.97 प्रतिशत बढ़ी है।