नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर याचिका पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया।
कोर्ट याचिका पर होली के बाद 27 मार्च को सुनवाई करेगी। केजरीवाल की कानूनी टीम ने तत्काल सुनवाई की मांग की थी।
दिल्ली के सीएम ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी और ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश अवैध था और वह तुरंत हिरासत से रिहा होने के हकदार थे।
अदालत ने ईडी को 28 मार्च तक दिल्ली के सीएम की हिरासत दी थी, उसने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (आप) कथित शराब घोटाले से हुई अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि आम आदमी पार्टी (आप) के मंत्रियों, नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से अब खत्म हो चुके उत्पाद शुल्क नीति मामले में केजरीवाल “किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता” हैं।
केजरीवाल को शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया।
एजेंसी ने कहा, “न केवल आम आदमी पार्टी, बल्कि अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराधों का दोषी माना जाएगा और पीएमएलए की धारा 70 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है।”
केजरीवाल की कानूनी टीम ने उच्च न्यायालय से इस मामले की शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया था, शायद रविवार को, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया।